UP News : उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 7 वर्षों की मेहनत से तैयार किया गया हरित क्षेत्र एक रात में आग की लपटों में तबाह हो गया। मंगई नदी के किनारे ग्राम सभा की 10 बीघा जमीन पर वन विभाग द्वारा लगाए गए लगभग 2,500 पेड़ों में से करीब 2000 पेड़ जलकर खाक हो गए।
तेज लपटों ने पूरे क्षेत्र को लिया चपेट में
गुरुवार देर रात धामूपुर गांव के पास मंगई नदी के किनारे आग भड़क उठी। तेज लपटों ने देखते ही देखते पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह आग दुर्घटनावश नहीं, बल्कि साजिश के तहत लगाई गई हो सकती है। कई लोगों का मानना है कि ग्राम सभा की इस खाली ज़मीन पर वन विभाग द्वारा पौधे लगाए जाने के कारण कुछ लोग कब्जा नहीं कर पा रहे थे, इसलिए जानबूझकर आग लगा दी गई, ताकि पौधे नष्ट हो जाएं और जमीन फिर से खाली हो जाए। वहीं, प्रभारी डीएफओ विवेक यादव ने आग का कारण खेत में पराली जलाना बताया, जिससे आग फैल गई और पेड़ों को नुकसान पहुंचा।
क्यों नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची?
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंच सकीं। वजह थी रास्ता खराब होना। आग लगने की सूचना के बावजूद सड़क की खराब हालत ने राहत कार्य में बाधा डाली और जंगल जलता रहा। 2018 में शुरू किए गए इस पौधारोपण अभियान के तहत आम, जामुन, महुआ, अमरूद, बबूल और शीशम जैसी प्रजातियों के पौधे लगाए गए थे। 7 वर्षों की देखरेख में ये पौधे अब विकसित वृक्ष बन चुके थे। हाल ही में 2023 में भी कुछ नए पौधे रोपे गए थे। लेकिन आग की इस भीषण घटना में सैकड़ों पेड़ नष्ट हो गए, जिससे न सिर्फ पर्यावरणीय नुकसान हुआ बल्कि स्थानीय लोगों की भावनाओं को भी गहरी चोट पहुंची। UP News
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