Super Exclusive : नोएडा । एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला (Admission) दिलाने के नाम पर छात्रों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने दो जालसाजो (counterfeiters) को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड (Mastermind) अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। पकड़े गए आरोपी नोएडा (Noida) के अलावा पूर्व में लखनऊ, कानपुर व दिल्ली (Lucknow, Kanpur and Delhi) के मालवीय नगर में ऑफिस खोलकर एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला (Admission) दिलाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी (ADCP Ashutosh Dwivedi) ने बताया कि गत दिनों लखनऊ की रहने वाली दर्शिका ने मुकदमा दर्ज कराया था कि सेक्टर-125 में ट्रूथ एडवाइजर कैरियर कंसल्टेंसी चलाने वाले जय मेहता व दीपेंद्र आदि ने एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर उससे 17 लाख रुपए रुपए ठग लिए हैं। पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि जय मेहता व दीपेंद्र ने दर्शिका को अपने फर्जी नाम बताए थे उनके असली नाम यश चतुर्वेदी और दीपक हैं। इस दौरान मुखबिर की सूचना के आधार पर थाना सेक्टर 126 के प्रभारी सत्येंद्र कुमार व उनकी टीम ने दीपक उर्फ दीपेंद्र व राजेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
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पूछताछ में आरोपियों ने छात्र छात्राओं से एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला (Admission) दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। आरोपियों ने नोएडा के सेक्टर 125 में ट्रूथ एडवाइजर कैरियर कंसल्टेंसी का ऑफिस खोलने से पूर्व उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ व दिल्ली (Lucknow, Kanpur and Delhi) के मालवीय नगर में भी ऑफिस खोल कर इस तरह की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। पूछताछ में दीपक व राजेश ने कबूल किया कि वह एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर छात्र छात्राओं के परिजनों से 30 से 40 लाख रुपए तक वसूलते थे।
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एडीसीपी ने बताया कि आरोपी नीट के एग्जाम में अनक्वालिफाइड छात्रों की लिस्ट लेकर उनसे संपर्क कर एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला (
दो से तीन महीने में बंद कर देते थे ऑफिस
पकड़े गए आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद अपना ठिकाना बदल लेते थे। किसी भी स्थान पर यह 2 से 3 माह से अधिक अपना ऑफिस नहीं रखते थे।
जांच में पता चला है कि आरोपियों ने कानपुर, लखनऊ, (Lucknow, Kanpur and Delhi) मालवीय नगर में भी ठगी का ऑफिस खोला था। यहां भी यह 2 से 3 महीने के भीतर ही ऑफिस बंद कर रफूचक्कर हो गए थे। पकड़े गए आरोपी दीपक, राजेश व यश चतुर्वेदी ऑफिस आने वाले लोगों से खुद ही डील करते थे और अपने स्टाफ को इस गोरखधंधे की भनक तक नहीं लगने देते थे। स्टाफ को भी यह लंबे समय तक ऑफिस में नहीं टिकने देते थे। ऑफिस में काम करने वाले स्टाफ को 15 से 20 दिनों के भीतर ही नौकरी से निकाल कर नया स्टाफ नियुक्त कर देते थे।