Saturday, 4 May 2024

नटवर लाल के भी बाप निकले दो दोस्त, ठग लिए 854 करोड़ रूपये

Cyber Crime News : आज हम आपको दो ऐसे दोस्तों के बारे में बताएंगे जो अपने कारनामों की वजह से…

नटवर लाल के भी बाप निकले दो दोस्त, ठग लिए 854 करोड़ रूपये

Cyber Crime News : आज हम आपको दो ऐसे दोस्तों के बारे में बताएंगे जो अपने कारनामों की वजह से नटवर लाल के भी बाप है। एबीए की डिग्री हासिल करने वाले इन दोनों दोस्तों ने ऐसा काम किया है, जिसे सुनकर कनार्टका की पुलिस तो अंचभित है ही आप भी चौंक जाएंगे।

दरअसल, कर्नाटका की बेंगलुरु पुलिस ने दो दोस्तों को गिरफ्तार किया है। एक दोस्त का नाम मनोज श्रीनिवास और उसने एमबीए कर रखी है। दूसरे दोस्त का नाम फणींद्र है और साफ्टवेयर इंजीनियर है। इन दोनों दोस्तों के अलावा पुलिस ने छह अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। दोनों दोस्तों ने दो साल पहले मिलकर बगैर नाम वाली एक कंपनी खोली और दो लोगों को नौकरी पर रखा।

Cyber Crime News

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 26 साल की एक महिला ने 8.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। इस महिला का कहना था कि उसे छोटे इन्वेस्टमेंट करने का लालच दिया गया। पहले एक ऐप पर, बाद में एक वॉट्सएप ग्रुप पर। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि एक बेडरूम के घर में धोखाधड़ी का एक बड़ा नेटवर्क चल रहा था। सोशल मीडिया पर लोगों को बढ़िया रिर्टन देने का लालच देकर धड़ल्ले से फ्रॉड किया जा रहा था।

पुलिस के अनुसार, जांच से पता चला कि पिछले दो सालों में 84 बैंक खातों के ज़रिए 854 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है। जब साइबर क्राइम पुलिस ने सितंबर में इन खातों का पता लगाया और इन्हें फ्रीज किया तो उनमें केवल 5 करोड़ रुपये बचे थे। इन सभी पैसों को गेमिंग ऐप्स, यूएसडीटी जैसी क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन कैसीनो और पेमेंट गेटवे में ट्रांसफर कर दिया गया था।

पुलिस का कहना है कि जिन लोगों को पैसे ट्रांसफ़र किए गए हैं, वो दुबई से ऑपरेट कर रहे हैं और कथित रुप से चीनी ऑपरेटरों से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस ने अभी दुबई में रह रहे ऑपरेटरों को नहीं पकड़ा है।

पुलिस ने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर बेंगलुरु में साइबर अपराध से जुड़े बैंक खातों की तलाश की, तो पता चला कि पूरे भारत में ऐसे कुल 5,013 मामले थे। कर्नाटक के अलावा कुछ हैदराबाद में भी थे। हैदराबाद में 15000 लोगों से 712 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई थी। हैदराबाद वाले मामलों की जांच में एक टेरर-फंडिंग लिंक भी पाया गया है। चूना लगा कर पाए गए पैसे को कथित तौर पर लेबनानी हिजबुल्लाह समूह से जुड़े क्रिप्टो वॉलेट में भेजा गया था।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, गैंग वॉट्सएप और टेलीग्राम के ज़रिए लोगों को फंसाता है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि “शुरुआत में लोगों को 1000 से 10000 रुपये तक की छोटी रकम इन्वेस्ट करने के लिए कहा जाता था और लालच दिया जाता था कि छोटी सी इनवेस्टमेंट से वो हर दिन एक से पांच हज़ार रुपये तक का प्रॉफिट कमा सकते हैं।”

पुलिस ने जांच में फ़र्ज़ी कंपनी बैंगलरू की ‘सुब्बू एंटरप्राइज़ेज़’, तमिलनाडु में ‘दिव्या एंटरप्राइज़ेज़’ से जुड़े 45 बैंक खातों का खुलासा किया है। इन कंपनियों के लिए कोई कर्मचारी या कार्यालय नहीं थे। वे शेल कंपनियां हैं।

पुलिस ने इस केस में दो मुख्य आरोपियों मनोज श्रीनिवास और बैंक अकाउंटेंट वसंत कुमार को गिरफ़्तार किया है, लेकिन ज़मानत की सुनवाई के दौरान दोनों का कहना है कि उन्हें पुलिस ने झूठा फंसाया है। दावा किया कि पुलिस में शिकायत उनके दोस्तों ने करवाई। वो भी तब, जब उन्होनें दोस्तों को पैसे देने से मना कर दिया था। आरोपियों को एक केस में 30 सितंबर को ज़मानत मिल गई थी। मगर दूसरे केसों में आरोपी दो सालों से अभी भी हिरासत में हैं।

गंदा पानी पीने को मजबूर हैं ग्रेटर नोएडा के सेक्टर डेल्टा 2 के बाशिंदें

ग्रेटर नोएडा नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post