Monday, 6 May 2024

UP Encounter Specialist: श्री प्रकाश शुक्ला समेत किए 50 एनकाउंटर, सर्विलांस सिस्टम से बदल डाला था यूपी पुलिस को ,नाम से थर थर कांपते थे अपराधी

  UP Encounter Specialist:  1986 बैच के यूपीपीसीएस के ऑफिसर राजेश कुमार पांडे उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप…

UP Encounter Specialist: श्री प्रकाश शुक्ला समेत किए 50 एनकाउंटर, सर्विलांस सिस्टम से बदल डाला था यूपी पुलिस को ,नाम से थर थर कांपते थे अपराधी

 

UP Encounter Specialist:  1986 बैच के यूपीपीसीएस के ऑफिसर राजेश कुमार पांडे उत्तर प्रदेश में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर है।  राजेश कुमार पांडे अब तक प्रदेश में कुल मिलाकर 50 अपराधियों का एनकाउंटर कर चुके हैं । प्रयागराज के रहने वाले राजेश कुमार पांडे उत्तर प्रदेश पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।  अलीगढ़ में एसएसपी रहने के दौरान वह काफी चर्चाओं में आए थे । 50 एनकाउंटर करने वाले राजेश कुमार पांडे को सबसे अधिक चर्चा मिली थी गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला के एनकाउंटर से । श्री प्रकाश शुक्ला यूपी का नामचीन गैंगस्टर था जिसे पकड़ पाना पुलिस के लिए भी नाकों चने चबाने जैसा था । लेकिन राजेश कुमार पांडे ने श्री प्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर कर पूरे विभाग में उस वक्त वाहवाही बटोरी थी।

श्रीप्रकाश शुक्ला केस से बदली यूपी पुलिस की पहचान 

इसी गैंगस्टर के चलते पहली बार यूपी पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस शब्द सुना, जो आगे चलकर उसकी पहचान बन गया। ये वो दौर था, जब पुलिसिंग पूरी तरह से मुखबिरों पर टिकी होती थी। लेकिन 1997 में लखनऊ में एक के बाद एक ताबड़तोड़ जघन्य हत्याओं ने सब-कुछ बदलकर रख दिया।सभी घटनाएं दिनदहाड़े अंजाम दी गईं। लखनऊ में तत्कालीन सीओ कैसरबाग और अब रिटायर्ड आईपीएस राजेश पांडेय यूपी पुलिस उन चुनिंदा अफसरों में से एक हैं, जो सबसे पहले श्रीप्रकाश शुक्ला की खोज में लगे और तमाम चुनौतियों से जूझते हुए इस दुर्दांत अपराधी को उसके अंत तक पहुंचाया।

उनके द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस में सर्विलांस सिस्टम की शुरुआत की गई, जिससे अपराधों के पर्दाफाश को नई दिशा मिली

राजेश कुमार पांडे के अब तक के पूरे कार्यकाल में  ढेरों वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं । 1986 बैच के यूपीपीसीएस राजेश कुमार पांडे ने पुलिस विभाग में अपनी यात्रा डिप्टी एसपी के रूप में शुरू की और कई जिलों में वे सर्कल ऑफिसर भी रहे ,जिसमें सोनभद्र जौनपुर आजमगढ़ और लखनऊ प्रमुख है।  लखनऊ गाजियाबाद मेरठ में वह एसपी सिटी के तौर पर भी काम कर चुके हैं और इसके अलावा बाराबंकी में एडिशनल एसपी भी रहे ।  यह तमाम ऐसे जिले हैं जो अपराध के नजरिया से काफी संवेदनशील रहे और जहां राजेश कुमार पांडे ने अपनी बेहतरीन काम और अपराध पर अंकुश लगाने के साथ अपराधियों का भी बखूबी सफाया किया।

2005 में आईपीएस सेवा में शामिल किया गया

पुलिस में अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के चलते 2005 में राजेश कुमार पांडे को आईपीएस सेवा में शामिल किया गया जिसके बाद वे रायबरेली और गोंडा के एसपी के पद पर नियुक्त हुए और साथ ही सहारनपुर लखनऊ अलीगढ़ और मेरठ में सीनियर एसपी के तौर पर भी काम किया । UPSTF और ATS की  स्थापना में भी राजेश कुमार पांडे की खास भूमिका रही । राजेश कुमार पांडे को सर्विलांस सिस्टम का माहिर माना जाता है।

 UPSTF और ATS की  स्थापना में भी राजेश कुमार पांडे की खास भूमिका रही

सर्विलांस सिस्टम के जरिए उन्होंने अपराध के को रोकने और अपराधियों को पकड़ने में तेजी से काम किया । उत्तर प्रदेश में हुए आतंकी घटनाओं का उद्भभेदन करने में भी पांडे की मुख्य भूमिका रही । चाहे वह अयोध्या का 2005 का अटैक था या फिर वाराणसी दश्श्व्वेध मंदिर में हुई 2006 की आतंकी घटना।  वे इन मामलों का उद्भभेदन करने में कामयाब रहे।  अपने उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई बार सम्मानित किया गया।  उन्हें चार बार वीरता के लिए इंडियन पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया । उन्हें राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार पदक भी मिल चुका है । साथ हीसंयुक्त राष्ट्र संघ के पीसकीपिंग का मेडल भी मिला है ,जब 2010 में कोसोवो में इस मिशन में शामिल हुए थे।  राजेश पांडे रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन लंदन में खास ट्रेनिंग भी ले चुके है

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