Noida News : समाजवादी पार्टी के नेतृत्व ने एक बार फिर ‘‘फुंके हुए कारतूस’’ में बारूद भरने का प्रयास किया है। नोएडा के एक ऐसे नेता को सपा का प्रदेश सचिव बनाया गया है जो एक दो बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार नोएडा क्षेत्र में अपनी पार्टी को हरवा चुका है। इस नेता को समाजवादी पार्टी का प्रदेश सचिव बनाए जाने पर सपा के नेता व कार्यकर्ता सवाल पूछ रहे हैं कि नोएडा क्षेत्र में अब क्या हाल होगा सपा का ?
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वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की कवायदें जोर पकड़ चुकी हैं। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने भी 2024 के लिए 182 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी घोषित कर दी है। इस कार्यकारिणी ने जनपद गौतमबुद्धनगर के सपाइयों को आश्चर्यचकित कर दिया है। सपा के किसी भी नेता अथवा कार्यकर्ता को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उनकी पार्टी का नेतृत्व बार-बार एक विफल नेता को इतना महत्व क्यों दे रहा है ?
तीन बार हारे फिर भी नेतृत्व की आंखों के तारे
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश के बाद पार्टी नेता नरेश उत्तम पटेल की अध्यक्षता में 182 सदस्यीय सपा की राज्य कार्यकारिणी घोषित की गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से नोएडा विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले सुनील चौधरी को कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया है। सुनील चौधरी की नियुक्ति पर नोएडा ही नहीं पूरे गौतमबुद्धनगर के सपा कार्यकर्ता व नेता आश्चर्यचकित हैं। सुनील चौधरी सपा के टिकट पर नोएडा सीट से 3 बार चुनाव लड़ चुके हैं। सुनील चौधरी ने वर्ष 2012, 2017 में 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ा और तीनों बार चुनाव में उन्हें तथा उनकी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। सुनील चौधरी को प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव जैसा अहम पद देने के बाद पार्टी के नेता कह रहे हैं कि- ‘फुंके कारतूस’ को आखिरकार पार्टी आलाकमान बंदूक में क्यों बार-बार भर रहा है ?
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सैटिंग पक्की है
पार्टी नेताओं का कहना है कि सुनील चौधरी अक्सर जुगाड़ लगाकर नोएडा विधानसभा सीट का टिकट और पार्टी में कोई न कोई पद ले ही लेते हैं। जबकि पिछले तीन बार से नोएडा जैसी अहम सीट पर चुनाव हारने के बाद उन्हें प्रदेश कमेटी में पद देना समझ से परे है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सुनील चौधरी को अक्सर क्षेत्र में गुर्जरों का नेता कहा जाता है। जबकि उन्होंने गुर्जर समुदाय के लिए ना तो कभी कोई आवाज उठाई है और ना ही समाज के लिए कोई बड़ा संघर्ष किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी नेतृत्व को उन संघर्षील नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देनी चाहिए जो पिछले कई वर्षों से पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर कम कर रहे हैं ना कि ऐसे नेताओं को जो केवल चुनाव लड़ते और पार्टी नेताओं के स्वागत तक सीमित रहते हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि पूरे नोएडा क्षेत्र में सुनील चौधरी का कोई जनाधार नहीं है। शहरी क्षेत्र में रहने वाली जनता तो उन्हें जानती तक नहीं है जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ता है।
बगावत ना हो जाए ?
नोएडा क्षेत्र में सक्रिय राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि जो नेता अपने कार्य क्षेत्र में पार्टी को तीन-तीन बार चुनाव हराने का कारण बना हो उस पर बार-बार भरोसा करके पार्टी नेतृत्व बड़ी गलती कर रहा है। कुछ विश्लेषक तो यहां तक भी कह रहे हैं कि सुनील चौधरी का ओहदा बढ़ाने के कारण नोएडा क्षेत्र की समाजवादी पार्टी में बड़ी बगावत भी हो सकती है। सपा के वरिष्ठ नेता ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सुनील चौधरी को पद मिलना ‘चमचागिरी’ का फल है। इस मुद्दे पर सपा के कुछ नेता एकजुट होकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने अपना दुख व्यक्त करने की योजना भी बना रहे हैं। Noida News in hindi
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