Friday, 26 April 2024

तुस्याना कांड में सैकड़ों सफेदपोश जेल के मुहाने पर, मामला बड़ा है

ग्रेटर नोएडा। तुस्याना में उजागर हुए डेढ़ सौ करोड़ रुपए की जमीन के घोटाले में सलाखों के पीछे गए दबंग…

तुस्याना कांड में सैकड़ों सफेदपोश जेल के मुहाने पर, मामला बड़ा है
  • ग्रेटर नोएडा। तुस्याना में उजागर हुए डेढ़ सौ करोड़ रुपए की जमीन के घोटाले में सलाखों के पीछे गए दबंग एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई कैलाश भाटी की गिरफ्तारी के बाद एक बात साफ हो गई है कि हेराफेरी करने वाले एक दिन बेनकाब जरूर होते हैं।
    आपको बता दें कि पट्टे की जमीन और 6 फ़ीसदी के भूखंडों के आवंटन और लोकेशन की बंदरबांट का यह मामला ग्रेटर नोएडा के डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में फैला हुआ है। यदि जांच सलीके से हुई तो घोटालेबाजों का एक बड़ा गिरोह बेनकाब होगा। यह भी हो सकता है कि सैकड़ों ‘सफेदपोश सलाखों के पीछे होंगे।
    सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्टï संदेश है कि घपलों और घोटालेबाजों का माफिया राज नहीं चलने दिया जाएगा। शायद यही वजह है कि समाजवादी पार्टी को तिलांजलि देकर भाजपा के केसरिया रंग में रंगे एमएलसी नरेंद्र भाटी अपने सगे छोटे भाई कैलाश भाटी को गिरफ्तारी से नहीं बचा पाए। इस घोटाले की नींव 1985 में पड़ी थी। एक बड़ी कंपनी ने सोचे-समझे षड्यंत्र के तहत तुस्याना गांव में 200 एकड़ जमीन खरीदी।
    सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी के संचालकों की पकड़ इतनी मजबूत थी कि उन्होंने ग्रेटर नोएडा की स्थापना से पहले 1985 में इस जमीन की खरीद-फरोख्त कर डाली। खास बात यह है कि इसकी खरीद के लिए सरकार से भी अनुमति ली गई। 1991 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की नींव पड़ी तो जमीन की कीमतों में तेजी से उछाल आया। जिस जमीन पर टेक्नो पार्क बनाया जाना था उस पर माफियाओं ने कालोनी काट डाली। इसी जमीन के आसपास की जमीन को हड़पा गया। उस जमीन का मुआवजा उठाया गया और 6 प्रतिशत के भूखंडों का आवंटन भी हुआ। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद एक एसआईटी का गठन हुआ। उसने दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू की तो मामला उजागर हो गया। एमएलसी नरेंद्र भाटी का परिवार अब इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ेगा। इस गिरफ्तारी के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है।
    सूत्र बताते हैं कि ग्रेटर नोएडा के चिटेहरा, शाहबेरी, हबीबपुर, आमका, घरबरा सहित डेढ़ दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जहां जमीनों के घोटाले हुए हैं। पाठक जानते ही हैं कि इस क्षेत्र में पहले भी कुख्यात भू-माफिया मोती गोयल का बड़ा प्रकरण उजागर हो चुका है।
    इस मामले में एडिशनल सीपी मुख्यालय और जांच की अगुवा भारती सिंह ने बताया कि इस प्रकरण की जांच अभी चल रही है। कई आरोपी अभी भी पुलिस की रडार पर हैं। प्राधिकरण के अफसरों से और दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग शासन स्तर से भी हो रही है। देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में और कितने घोटालेबाज सलाखों के पीछे जाते हैं।

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