Thursday, 9 May 2024

बेगुन नहीं गुणों का भंडार है बैंगन, जरूर खाएं बैंगन का भुर्ता

Brinjal Benefits : आपने यह कहावत जरूर सुनी होगी कि थाली का बैंगन, माने कभी इधर कभी उधर। जो व्यक्ति…

बेगुन नहीं गुणों का भंडार है बैंगन, जरूर खाएं बैंगन का भुर्ता

Brinjal Benefits : आपने यह कहावत जरूर सुनी होगी कि थाली का बैंगन, माने कभी इधर कभी उधर। जो व्यक्ति विचारों के मामले में या विशेषकर संबंधों के मामले में कोई स्थाई भाव नहीं रखता कभी एक का पक्ष लेता है कभी दूसरे का उसे थाली का बैंगन कहते हैं। बैंगन के बारे में एक कहानी और प्रचलित है। एक बार राजा अकबर ने बीरबल से कहा कि बीरबल बैंगन बहुत बुरी सब्जी है बेकार न कोई स्वाद न कोई लाभ तो बीरबल ने कहा जी हुजूर इसलिए तो इसका नाम ही बैंगन है। फिर कभी राजा अकबर ने बैंगन की सब्जी खाई वह बैंगन की सब्जी उन्हें बहुत पसंद आई तो उन्होंने पुनः बीरबल से कहा कि बीरबल बैंगन में तो बड़े गुण हैं इसका स्वाद भी लाजवाब है तो बीरबल ने राजा अकबर को उत्तर दिया जी हुजूर, इसीलिए तो उसके सिर पर ताज (मुकुट) है। अबकर ने कहा कि बीरबल तुम कभी कहते हो बेगुन, कभी कहते हो सर पर ताज ये क्या मामला है? बीरबल ने उत्तर दिया हुजूर मैं आपका सेवक हूं बैंगन का नहीं पर बैंगन सचमुच बड़ा लाभकारी है। जिसके सर पर ताज है आईए बात करते हैं बैंगन की।

Brinjal Benefits

बैंगन दवाई भी है

बैंगन को अंग्रेजी में ब्रिनजल (Brinjal) या Eggplant कहते हैं। यह वास्तविक रूप से सोलमैसी कुल का सदस्य है। जिसका वानस्पतिक नाम (Solanum melongena) है। बैंगन के संबंध में हमारे बीच कई तरह की भ्रांतियां फैली हैं। जैसे कि यह गैस पैदा करता है, इसके खाने से खांसी होती है। बिना गुण का होने के कारण ही इसका नाम बैंगन है पर ऐसा बिलकुल नहीं है। अगर हम जरा ध्यान से बैंगन को देखें तो इसके सिर का ताज ही इस बात का स्पष्ट संकेत है कि प्रकृति ने इसे बेवजह ही ताज नहीं पहनाया है। इसका चटख बैंगनी रंग है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता है। इसमें एक खास प्रकार का पिगमेंट (एन्थोसायनिन) होता है। जो कैंसर एवं हृदय रोग से हमें बचाता है। लाल-नीले व बैंगनी एवं फलों में फ्लेवोनॉयडस एन्थोसायनिन पाया जाता है जो कोलन कैंसर की अचूक औधषि है। बैंगन में मौजूद मैग्नीशियम, मैंगनीज, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। इस कारण यह कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण रखता है तथा हदय की मांसपेशियों को सशक्त बनाता है।

Brinjal Benefits

बड़े काम है कच्चा बैंगन

बड़ा बैंगन कफबढ़ाने वाला एवं खांसी को सुखाने वाला होता है। छोटे नरम बैंगन ही स्वास्थ्य ही दृष्टि से अधिक लाभकारी है। इसका भुर्ता या सब्जी खाने से खांसी ठीक होती है एवं यह कफ्नाशक भी है। इसके सेवन से लकवा, वीर्य की कमी या पतला होना, मर्दानगी, यकृत (लीवर) व प्लीहा वृद्धि भी ठीक होते हैं।

कच्चा बैंगन खाने से संखिया या अन्य विषों का प्रभाव दूर होता है। बैंगन को आग में भूनकर या उबालकर इसका गूदा मोच वाले स्थान पर बांधने से आराम होता है। कच्चा बैंगन पीसकर इसे योनि पर बांधने से फैली योनी संकुचित होती है। यह प्रयोग प्रसव के बाद किया जाए। जिन्हें अधिक पसीना आता है वे कच्चे बैंगन के टुकड़े-टुकड़े कर पानी में डाल लें। एक घंटे पानी में पड़े रहने के बाद यह पानी पिये लाभ होगा। प्रतिदिन बैंगन का भुर्ता खाने से गर्भस्त्राव एवं बांझपन दूर होता है तथा विटामिन ई अवशोषित करने की क्षमता में वृद्धि होती है। बैंगन में पाये जाने वाला आयरन (लौह) शरीर द्वारा शीघ्र ही अवशोषित कर लिया जाता है। शायद यही कारण है कि हमारे बिहार राज्य में जो कभी विद्या एवं ज्ञान का मुख्य केन्द्र था, का मुख्य भोजन चोखा बाटी है। जो कि अब संपूर्ण भारत में लोकप्रिय हो चुका है। चोखा बाटी के चोखे में बैंगन की बड़ी भूमिका है। इस सर्दी के मौसम में गर्मागम बैंगन व टमाटर के भुर्ते का आनंद लीजिए व अपने शरीर में फ्लेवोनॉयडस एन्थोसायनिन की मात्रा में वृद्धि कर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमताओं का विस्तार कीजिए।

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