Dr. Sudhanshu Trivedi : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य डा. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भारत हमेशा से विश्वगुरु था और भारतीय कैलेंडर ही सबका मूल है। एक वीडियो के माध्यम से उन्होंने समझाया कि किस तरह से भारतीय कैलेंडर को समाप्त किया गया और षड़यंत्र के तहत योजनाबद्ध तरीके से इंग्लिश कैलेंडर को लाया गया।
Dr. Sudhanshu Trivedi
उन्होंने कहा कि इंग्लिश कैंलेंडर की शुरुआत जनवरी माह से होती है, जबकि भारतीय कैलेंडर की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानि मार्च और अप्रैल से होती है और भारतीय कैलेंडर ही सबका मूल है। उन्होंने बताया कि जनवरी, फरवरी और मार्च आदि समेत सभी बारह महीनों को किसी न किसी विदेशी राजा के नाम पर रखा गया है। जिस राजा को बड़ा दिखाना था, उसके नाम वाले महीने में 31 दिन कर दिए गए।
उन्होंने बताया कि जुलियस सीजर के नाम पर जुलाई है। अगस्ट सीजर के नाम पर अगस्त माह है। जिस राजा को बड़ा दिखाना था उस महीने को बड़ा करके 31 दिन का कर दिया गया। मगर चार माह ऐसे हैं, जिनका उल्लेख कहीं नहीं मिलता है। उनमें सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर। सितंबर वैगन कलेंडर का नौवां महीना और हमारे यानि हिन्दू कैलेंडर का सातवां महीना।
उन्होंने समझाया कि फरवरी, मार्च, अप्रैल और अगस्त को छोड़ दें तो सभी महीनों के अंत में अंबर आता है। अंबर किसी किसे कहते है। संस्कृत में अंबर आकाश को कहते हैं। जब इसे 12 से डिवाइड करते हैं तो सभी का अर्थ समझ में आ जाता है। उन्होंने बताया कि जब सूर्य सप्त अंबर में होते हैं तो सितंबर होता है। अष्ट अंबर में है अक्टूबर है, नवम अंबर है तो नवंबर है। दशम अंबर है तो दिसंबर है। उन्होंने कहा कि मार्च अप्रैल के माह में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा आती है और उस वक्त सारी दुनिया में वही कैलेंडर था, मगर अफसोस। इसे बदल दिया गया। उन्होंने कहा कि धीरे धीरे कुहासा छंट रहा है और लोग अपनी संस्कृति को समझ रहे हैं।
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