Thursday, 2 May 2024

Excise Policy Scam : ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी दो व्यक्तियों से उनकी…

Excise Policy Scam : ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी दो व्यक्तियों से उनकी जमानत रद्द करने की मांग करने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर बुधवार को जवाब तलब किया।

Excise Policy Scam

दोनों आरोपियों से कोर्ट ने मांगा जवाब

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने इस मामले में निचली अदालत के छह मई के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर कारोबारी राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा जमानत आदेश में की गई टिप्पणियों पर अन्य सह-अभियुक्तों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।

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निचली अदालत ने दिया है गलत निष्कर्ष

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि निचली अदालत ने एक मई को इस मामले में दायर आरोपपत्र का संज्ञान लिया था, यह देखते हुए कि प्रथमदृष्टया मामला बनता है। हालांकि, छह मई को निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि कोई अपराध नहीं बनता है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने कहा कि इसलिए दोनों आदेशों में विरोधाभास है। निचली अदालत ने इस मामले की संक्षिप्त सुनवाई की, जो इस स्तर पर नहीं किया जा सकता था। निचली अदालत का जमानत आदेश गलत था, क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से अपने ही एक मई के आदेश की समीक्षा करता है। एएसजी ने कहा कि निचली अदालत ने गलत निष्कर्ष दिया है कि इस मामले की जांच अभी भी लंबित है और दोनों आरोपी व्यक्ति जमानत के हकदार हैं। उच्च न्यायालय ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए जुलाई में सूचीबद्ध किया।

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निचली अदालत ने दी थी गौतम और राजेश को जमानत

निचली अदालत ने गौतम मल्होत्रा ​​और राजेश जोशी को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनके खिलाफ मामले को प्रथमदृष्टया सही माने जाने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं थे। निचली अदालत ने यह भी कहा था कि केवल यह आशंका कि आरोपी फिर से अपराध कर सकता है, जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। दिल्ली की इसी निचली अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका 28 अप्रैल को खारिज कर दी और कहा कि साक्ष्य प्रथमदृष्टया अपराध में किस हद तक उनकी संलिप्तता है, इस ओर इशारा करते हैं।

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रद्द हो चुकी शराब नीति की जांच कर रहा ईडी

ईडी दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। धनशोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है। सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था।

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