Saturday, 4 May 2024

बड़ी खबर: PM मोदी के विरूद्ध चला आयोग का डंडा, भेजा नोटिस

PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध पहली बार चुनाव आयोग का डंडा चला है। भारत के निर्वाचन आयोग…

बड़ी खबर: PM मोदी के विरूद्ध चला आयोग का डंडा, भेजा नोटिस

PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरूद्ध पहली बार चुनाव आयोग का डंडा चला है। भारत के निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनावी भाषणों पर आपत्ति जताते हुए भाजपा से जवाब मांगा है। इस प्रकार का जवाब राहुल गांधी के भाषणों को लेकर कांग्रेस पार्टी से भी मांगा गया है। यहां यह बताना जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसी भाषण को लेकर चुनाव का डंडा पहली बार चला है। सवाल पूछा जा रहा है कि क्या वाकई चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर सख्ती करने वाला है?

PM Modi

भाजपा तथा कांग्रेस को नोटिस

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नफरती भाषणों को गंभीरता से लिया है। आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। यह नोटिस भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजा गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राजस्थान में बांसवाड़ा में एक चुनावी जनसभा के दौरान दिए गए बयान की शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। वहीं राहुल के बयान की भी शिकायत भाजपा ने की थी। इस पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग ने 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक दोनों पार्टियों से जवाब मांगा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी और धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को जवाब देने को कहा है. बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया था। आयोग का कहना है कि राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों विशेष रूप से स्टार प्रचारकों के व्यवहार की पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी. उच्च पदों पर बैठे नेताओं के भाषणों के और भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

इस नोटिस के मायने?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा रैली में कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चे वालों घुसपैठियों तथा मुस्लिमों में बांट दी जाएगी। पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखा है कि सरकार बनने पर मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर बांट देंगे. पीएम मोदी की इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। वहीं, बीजेपी ने राहुल गांधी पर अपनी रैलियों में भाषा और शब्दों के इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने तमिलनाडु में भाषा के आधार पर लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की। बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि राहुल गांधी अपने भाषणों में भाषा के आधार पर उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। अपनी लिखित शिकायत में बीजेपी ने राहुल गांधी पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पहली बार इस प्रकार के नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। यह अलग बात है कि राजनीति के जानकार इस नोटिस को चुनाव आयोग की तरफ से किया गया दिखावा भर मान रहे हैं।

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