Wednesday, 1 May 2024

Yo Yo Test: विराट के टेस्ट में पास होने की जानकारी देने पर बीसीसीआई नाराज, आखिर क्या है ये टेस्ट जिस पर मचा बवाल

Yo Yo Test: टीम इंडिया को इस साल एशिया कप और ओडीआई विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों में भाग लेना…

Yo Yo Test: विराट के टेस्ट में पास होने की जानकारी देने पर बीसीसीआई नाराज, आखिर क्या है ये टेस्ट जिस पर मचा बवाल

Yo Yo Test: टीम इंडिया को इस साल एशिया कप और ओडीआई विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों में भाग लेना है। टीम इंडिया को अगर ये टूर्नामेंट जीतने हैं, तो इसमें अनुभवी खिलाड़ियों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। जिसमें सबसे ज्यादा आशाएं टिकी होंगी दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली पर। विराट कोहली भी इस बात को भली भांति जानते हैं, इसलिए वो अपनी ओर से भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

विराट ने की यो यो टेस्ट पास करने की जानकारी शेयर, बीसीसीआई ने लगाई फटकार

भारत के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली इसके लिए कड़े अभ्यास में जुटे हैं। कोहली इन दिनों बेंगलुरु में चल रहे 6 दिवसीय अभ्यास कैंप में शामिल थे। जहां पर सभी खिलाड़ियों का यो यो टेस्ट किया गया। विराट कोहली ने भी इस फिटनेस टेस्ट को दिया और उसमें सफल रहे। उनका फिटनेस टेस्ट स्कोर 17.2 रहा।

ये टेस्ट पास करने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की। जिसको लेकर अब बीसीसीआई ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। इसकी वजह ये है कि इस तरह के गोपनीय टेस्ट की जानकारी सार्वजनिक करने पर बीसीसीआई ने रोक लगाई हुई है। आगे से उन्हें इसका ध्यान रखने की सलाह भी दी गई है।

क्या है ये बीसीसीआई के गोपनीय फिटनेस टेस्ट

जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर ये टेस्ट है क्या? दरअसल भारतीय टीम में खेलने के लिए इस समय 2 तरह के टेस्ट होते हैं। जिनमें से एक यो यो टेस्ट है और दूसरा डेक्सा स्कैन टेस्ट है।

Yo Yo Test: क्या है यो यो टेस्ट ?

यह एक तरह से बीप टेस्ट जैसा होता है, इसकी शुरुआत साल 1990 में डेनमार्क के फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट डॉ जेन्स बैंग्सबो ने की थी। इस टेस्ट में खिलाड़ियों को दो सेटों से बीच दौड़ लगानी होती है। उन सेटों की दूरी लगभग 20 मीटर होती है, जो कि लगभग एक पिच के बराबर ही होती है। Yo Yo Test

इस टेस्ट में पहले सेट से दूसरे सेट तक दौड़ लगाकर जाना और फिर वापस आना होता है। दोनों सेट की दूरी पूरी करने पर इसे एक शटल माना जाता है। हर एक शटल के बाद दौड़ने के समय को कम कर दिया जाता है लेकिन इसकी दूरी में कमी नहीं की जाती। क्रिकेट में इस टेस्ट को पांचवें लेवल से शुरू किया जाता है और 23 लेवल तक चलता है।

ये प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के जरिए होती है। किसी खिलाड़ी को इस टेस्ट में पास होने के लिए 23 में से कम से कम 16.5 स्कोर करना जरूरी होता है। ये टेस्ट जितना आसान लगता है, उतना आसान नहीं होता है। क्योंकि यो-यो टेस्ट में कई बड़े खिलाड़ी भी फेल हो चुके हैं, इनमें युवराज सिंह, अंबाती रायुडू, सुरेश रैना, मोहम्मद शमी, संजू सैमसन और वरुण चक्रवर्ती जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।

डेक्सा स्कैन टेस्ट क्या होता है?

डेक्सा स्कैन इंसानी शरीर की बनावट और हड्डियों की स्थिति जानने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक है। क्रिकेट में यह भी एक तरह का फिटनेस टेस्ट है। जिसके तहत किसी इंसान के शरीर की चर्बी, हड्डियों की मजबूती, पानी की मात्रा की जांच होती है। डेक्सा स्कैन आमतौर पर दस मिनट का एक टेस्ट होता है जिससे शरीर के फैट और मांसपेशियों की स्थिति का पता लगाता है।

इस टेस्ट की मदद से शरीर की हड्डियों की मजबूती की जांच होती है और इसके साथ ही हड्डियों में मौजूद कैल्शियम और अन्य मिनरल्स की जानकारी भी ली जाती है। ये दोनो टेस्ट क्रिकेट में इतने जरूरी है कि अगर कोई खिलाड़ी इसे पास नही कर पाता है, तो वो टीम में नहीं चुना जाएगा।

क्या आपको इन दोनो टेस्ट के बारे में पहले से पता था ? आपको क्या लगता है ये टेस्ट अनिवार्य बने रहने चाहिए कि नहीं? आप अपनी राय हमे कॉमेंट बॉक्स में जाकर बता सकते हैं।

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