Friday, 26 April 2024

Gyanvapi Mosque- वजू खाने पर पाबंदी और शिवलिंग के दावे पर आज जाएगा कोर्ट का फैसला

Gyanvapi Mosque- वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज जिला जज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर सकते हैं।…

Gyanvapi Mosque- वजू खाने पर पाबंदी और शिवलिंग के दावे पर आज जाएगा कोर्ट का फैसला

Gyanvapi Mosque- वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज जिला जज सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई कर सकते हैं। जिला जज अजय कृष्ण विश्वेशा तय करेंगे कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के मामले व वजू खाने पर लगी पाबंदी के मामले में से किस मामले पर पहले सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है सोमवार 23 मई को जिला जज ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट का फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट में यह मांग की गई है कि सर्वे के दौरान प्राप्त साक्ष्यों को देखते हुए कोर्ट तय करें कि किस मामले पर पहले सुनवाई की जाएगी वही मुस्लिम पक्ष चाहता है कि मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई की जाए।

मामले को लेकर क्या है हिंदू पक्ष की मांग –

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मसले पर हिंदू पक्ष की मांग है कि हिंदुओं को प्रतिदिन श्रृंगार गौरी की पूजा करने की अनुमति दी जाए। वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति दी जाए। मस्जिद के उत्तर की दीवार को तोड़कर मलबे को हटाया जाए। इसके साथ ही हिंदू पक्ष की मांग है कि मस्जिद के अंदर मिले शिव लिंग की लंबाई व चौड़ाई जानने के लिए सर्वे किया जाए। तथा वजू खाने का वैकल्पिक इंतजाम किया जाए।

क्या है मुस्लिम पक्ष की मांग –

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में मुस्लिम पक्ष वजूखाने को सील करने का विरोध कर रही है। शुरू से ही मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी सर्वे के खिलाफ था अतः एक्ट 1991 के तहत मुस्लिम समुदाय ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल उठा रहा है।

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वजूखाने में शिवलिंग मिलने के बाद कर दिया गया था सील –

गौरतलब है 1 सप्ताह पहले सर्वे के दौरान वजू खाने में शिवलिंग मिलने के बाद कोर्ट ने वजूखाने को सील करने का आदेश दे दिया था। अब कोर्ट को आज यह निर्णय लेना है कि पहले आज यह निर्णय लेना है कि की कोर्ट में पहले शिवलिंग मिलने के दावे पर सुनवाई की जाएगी अथवा वजूखाने पर लगी पाबंदी पर सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है जिसके तहत मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की अनुमति की मांग की गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सिविल जज से जिला कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

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