Uttrakhand News : देहरादून। उत्तराखंड में युवाओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड के चारों ओर 300 मीटर के दायरे में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी ।
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यह निषेधाज्ञा भर्ती परीक्षाओं में कथित घोटाले के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के यहां जारी प्रदर्शनों को देखते हुए लागू की गयी है। पुलिस से तीखी झड़पों के बाद प्रदर्शनकारियों ने बृहस्पतिवार को पथराव कर दिया था जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कुछ युवाओं को चोटें आयी थीं। इस दौरान कुछ पुलिसवाले भी घायल हो गए थे।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरी घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश देते हुए मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु से मामले की रिपोर्ट जल्द देने को कहा है।
युवाओं के प्रदर्शन से बृहस्पतिवार को दिन भर देहरादून की कई सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही और यातायात व्यवस्था बिगड़ गयी ।
विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की मांग को लेकर बेरोजगार बुधवार से प्रदर्शन कर रहे हैं ।
युवाओं के आक्रोश के बीच मुख्यमंत्री ने सख्त प्रावधानों वाले उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन देते हुए राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेज दिया है।
इस अध्यादेश में नकल करने और नकल करवाने वाले दोषियों के लिए आजीवन कारावास तक की सजा और 10 करोड रुपए तक के जुर्माने से लेकर भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने पर रोक और अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित संपत्ति की कुर्की तक के सख्त प्रावधान हैं और इसमें अपराध को संज्ञेय एवं गैर जमानती बनाया गया है।
इससे पहले, धामी ने युवाओं से कहा था कि उनकी सरकार जल्द ही देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लाने वाली है। उन्होंने उनसे किसी के ‘बहकावे’ में न आने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनकी सरकार युवाओं के हितों की रक्षा के लिए सजग है और किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
बेरोजगार युवाओं की मांग है कि परीक्षाएं आयोजित करने वाले राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग के घोटाले में लिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी दंडित किया जाए और नई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन नकल विरोधी कानून लाए जाने के बाद ही किया जाए।
राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के कथित रूप से लीक होने का पिछले साल खुलासा होने के बाद से उत्तराखंड में एक के बाद एक कई भर्तियों में अनियमितताएं सामने आयीं हैं जिसके कारण उन्हें रद्द करना पड़ा। इन घोटालों की जांच के लिए गठित पुलिस का विशेष कार्यबल (एसटीएफ) अब तक बीसियों आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है।
राज्य सरकार के परीक्षाओं को आयोजित करने की जिम्मेदारी राज्य लोक सेवा आयोग को दिए जाने के बाद भी धांधलियों का सिलसिला नहीं थमा है। इस साल आठ जनवरी को आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्रों के भी कुछ प्रश्न कथित तौर पर लीक हो गए जिसके बाद उसे रद्द करना पड़ा था। यह परीक्षा अब दोबारा 12 फरवरी को होगी।
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