Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 22 अप्रैल को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।
Noida News: समाचार अमर उजाला से
अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “एक्वा मेट्रो के सिग्नल सिस्टम में खराबी, दो घंटे परेशान रहे यात्री, हर स्टेशन पर 5 मिनट से ज्यादा खड़ी रहीं, 6 की जगह 15 मिनट के अंतराल पर चलीं” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा-ग्रेनो के बीच एक्वा मेट्रो के सिग्नल सिस्टम में सोमवार सुबह खराबी आ गई। ऐसे में स्टेशन पर मेट्रो ट्रेनें 6 की जगह करीब 15 मिनट के अंतराल पर पहुंचीं। साथ ही एक स्टेशन पर 5 मिनट तक रुक कर आगे बढ़ीं। इसका असर यह हुआ कि सुबह के व्यस्त समय में दफ्तर और काम के लिए नोएडा, ग्रेनों से निकले हजारों यात्री फंस गए। यात्रियों का ग्रेनो से नोएडा के लिए सफर करीब 1 घंटे देरी से पूरा हुआ। यह खराबी सुबह 8.30 से 10.30 तक बनी रही। इसके बाद कहीं जाकर स्थिति सामान्य हो पाई। फिर देर शाम नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के इंजीनियरों ने इस खराबी को दूर करने का दावा किया।
एनएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि सिग्नल सिस्टम में तकनीकी खराबी आई थी। इसे चेक करने के लिए ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशन पर थोड़ी देर के लिए रोका जा रहा था। इस वजह से पीछे से ट्रेन देरी से आईं। ट्रेन रोक कर तकनीकी खामी दूर करने की कोशिश की गई। वहीं, दूसरी तरफ ट्रेन देरी से आने के कारण नोएडा-ग्रेनो के बीच पड़ने वाले 21 स्टेशनों पर पहुंचे यात्रियों को इंतजार करना पड़ा। जो यात्री मेट्रो में सवार हुए स्टेशनों पर देर तक ट्रेन रुकने से फंसे रहे। । सेक्टर-51, परी चौकी, नॉलेज पार्क-2 स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ ज्यादा रही। पहले भी सिग्नल सिस्टम में आ चुकी है खराबी : 16 अक्टूबर 2024 को सिग्नल सिस्टम में दिक्कत से सुरक्षा उपकरणों के खराब होने का संकेत आने लगा था। इससे सेक्टर-142 स्टेशन पर ट्रेन खाली करवाई गई थी। सुबह 9.40 से करीब 10.55 बजे के बीच ट्रेन संचालन 20 से 25 मिनट की देरी से हुई थी।
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अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “नैनीताल बैंक से निकासी में नाइजीरियाई समेत 4 गिरफ्तार” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नैनीताल बैंक का सर्वर हैक कर 16.95 करोड़ की निकासी मामले में साइबर थाने की टीम ने नाइजीरियन नागरिक समेत चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। नाइजीरियन नागरिक ड्रग्स तस्करी में भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि नैनीताल बैंक का सर्वर नाइजीरियन गैंग ने हैक किया था। इसके बाद रकम कई अलग-अलग लोगों के खाते में भेजी गई। गिरफ्तार होने वाले दो आरोपी ड्रग्स तस्करी में शामिल हैं। पुलिस गिरोह के अन्य जालसाजों की तलाश कर रही है।
डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि जुलाई 2024 में सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था कि बैंक की शाखा का आरटीजीएस सर्वर हैक करके जालसाजों ने 16.95 करोड़ रुपये 84 अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। इस मामले में की गई जांच के बाद पुलिस ने चार्टेड अकाउंटेंट शुभम बंसल, इसके भाई हर्ष बंसल और खाते उपलब्ध कराने वाले कुलदीप को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच जब आगे बढ़ी तब पता चला कि इस ठगी की रकम में से डेढ़ करोड़ रुपये छह बैंक खातों में भेजी गई है। इन खातों का संचालन डासना निवासी मोहम्मद सावेज उर्फ सानू कर रहा है। पुलिस की टीम ने मोहम्मद सावेज को हिरासत में लेकर पूछताछ की तब स्टेलर सिग्मा अपार्टमेंट में रहने वाले नाइजीरियन नागरिक उमेअलाकेई एमेका उर्फ एलेक्स के बारे में बताया। सोमवार को मौके से एलेक्स के साथ दो और लोगों को पकड़ गया। इनकी पहचान दिल्ली संगम विहार निवासी दो भाई अमित गुप्ता और दीपक गुप्ता के रूप में हुई। दोनों लोग एलेक्स के पास ड्रग्स खरीदने आए थे। मौके से पुलिस ते करीब 20 लाख रुपये कीमत की ड्रग्स भी बरामद कर ली।
बिजनेस वीजा पर आया और मणिपुर की युवती से शादी की एलेक्स दस वर्ष पहले बिजनेस वीजा पर भारत आया था। इसके बाद उसने उत्तर पूर्व राज्य की महिला से शादी कर ली। दोनों के तीन बच्चे भी हैं। एलेक्स के खिलाफ दिल्ली में ड्रग्स तस्करी का मुकदमा भी दर्ज है। जांच में पता चला कि सावेज एलेक्स के लिए भारतीय बैंक खाते उपलब्ध कराता था। इसके लिए सावेज को 2 फीसदी तक कमीशन दिया जाता था।
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अमर उजाला ने 22 अप्रैल 2025 के अंक में प्रमुख समाचार “खतरे में नौनिहाल, न स्कूल बसों की फिटनेस पूरी, ऑटो पर भी नहीं ध्यान, एआरटीओ कार्यालय के बाहर ही टूट रहे नियम, संबंधित विभाग बरत रहे लापरवाही” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि जिले में स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के साथ सरासर खिलवाड़ किया जा रहा है। यह जिले की परिवहन व्यवस्था कह रही है। ना तो स्कूल जाने वाली बसें पूरी तरह से फिट हैं और ना ही सार्वजनिक परिवहन। स्कूल की छुट्टी होने के बाद सैंकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चे इन ऑटो व ई-रिक्शा में सफर करते हैं लेकिन इनके चालक ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में बच्चों को भूसे की तरह भर लेते हैं और गलत तरीके से वाहन का संचालन करते हैं। ऐसे में इनमें सफर करने वाले स्कूली बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
स्कूल की छुट्टी होने पर बच्चे अपने घरों को जाने के लिए स्कूल बस या फिर ऑटो व ई-रिक्शा का सहारा लेते हैं। जिले में 1906 स्कूली बसें हैं। इनमें 300 से अधिक बसें तो ऐसी हैं जिनकी संचालन की अवधि खत्म हो गई है लेकिन उनका संचालन अभी भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। वहीं, 25 से अधिक बसें अनफिट हालत में जिले के विभिन्न स्कूलों में संचालित हो रही हैं। इसके अलावा बच्चों के स्कूल से घर आने का दूसरा साधन ऑटो व ई-रिक्शा भी खटारा हालत में संचालित होते हैं।
ऐसे में दोपहर के समय सवारियां अधिक नहीं मिलती, तो चालक स्कूलों के बाहर वाहन खड़ा कर जमावड़ा लगा लेते हैं। छुट्टी के समय बाहर निकलने वाले बच्चे इनमें सफर करते हैं। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इनके संचालक अधिक संख्या में बच्चों को इनमें बैठा लेते हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। सबसे अधिक यह समस्या सेक्टर-24 स्थित केंद्रीय विद्यालय के बाहर बनी हुई है। बाकी कुछ स्कूलों में भी यही समस्या देखने को मिल रही है। लेकिन संबंधित विभाग इनपर कार्रवाई नहीं कर रहा है।
Noida News: समाचार दैनिक जागरण से
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 22 अप्रैल 2025 का प्रमुख समाचार “बिजली का नहीं मिला बैकअप, एओए अध्यक्ष के घर हंगामा” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-168 की पारस सीजंस सोसायटी में सुविधाओं के अभाव में हैंडओवर की प्रक्रिया अटकी हुई है। निवासियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। शुक्रवार की देर शाम सोसायटी में बिजली गुल हुई तो कई घरों में डीजल जनरेटर से बैकअप नहीं मिला। गुस्साए लोगों ने देर रात 11 बजे एओए अध्यक्ष के घर जाकर हंगामा किया। बाहर हो रहे हंगामे के चलते उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।
एओए अध्यक्ष का कहना है कि हंगामे से उनकी 10 वर्ष की बेटी डरी हुई है। रखरखाव की जिम्मेदारी बिल्डर के पास है। वहीं, लोगों ने एओए पर जिम्मेदारी नहीं निभाने के आरोप लगाए हैं। लोगों का आरोप है कि एओए की ओर से सुविधा शुल्क बढ़ाया गया है। बता दें पास सीजंस सोसायटी में 12 अप्रैल से कामन एरिया मेंटेनेंस शुल्क बिल्डर की ओर से 2.90 से 4.40 रुपये प्रति वर्ग फीट किया गया है। सोसायटी में बिजली निगम के मीटर हैं। कुछ निवासियों ने सीएएम चार्ज देना बंद कर प्रीपेड मीटर में रीचार्ज की सुविधा जारी रखी। कैम नहीं देने से घरों में डीजी बैकअप की सुविधा बंद कर दी गई। शुक्रवार रात बिजली कटौती हुई तो कई फ्लैटों में बैकअप नहीं मिला। किराएदार और कुछ मकान मालिक सोसायटी परिसर में जुटे। अव्यवस्था के लिए एओए अध्यक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए हंगामा किया।
सोसायटी हैंडओवर में अड़चन अधूरे कार्य बन रहे हैं। क्लब की मशीन खराब हैं। प्रवेश द्वार पर बूम बैरियर खराब स्थिति में हैं। आंतरिक सड़कें उखड़ चुकीं हैं। टावर में ओवरहेड टैंक के वाल्व खराब हैं। जिन फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं हुई है उनसे 400 रुपये प्रति वर्ग फुट शुल्क मांगा जा रहा है। बिल्डर के ईमेल के वाद हैंडओवर को हुई थी बैठकः बिल्डर ने 12 फरवरी को एओए को चार सप्ताह में हैंडओवर लेने को ई-मेल किया था। एओए ने 12 मार्च को बिल्डर से हैंडओवर लेने के लिए ईमेल किया। एक मई से सभी सुविधाएं एओए को मिलने वाली थीं। छह अप्रैल को जीबीएम में लोगों ने अधूरी सुविधाओं संग हैंडओवर न लेने का एओए को सुझाव दिया। जीबीएम के बाद एओए ने हैंडओवर नहीं लिया। प्राधिकरण में बैठक है प्रस्तावितः पारस सीजंस सोसायटी के बिल्डर और एओए के बीच चल रहे विवाद और मुद्दों पर प्राधिकरण में कई बैठक प्रस्तावित हैं। अगले सप्ताह एओए को बिल्डर के साथ प्रस्तावित बैठक के लिए प्राधिकरण से पत्र मिला है।
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में प्रमुख समाचार “बस टर्मिनल में किराये पर अस्पताल व माल संचालित करने को आई सिर्फ दो एजेंसियां” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल में किराये पर अस्पताल और माल के संचालन के लिए रिक्वेस्ट फोर प्रपोजल (आरएफपी) के जरिए सिर्फ दो एजेंसियां आगे आईं हैं। 165 करोड़ रुपये की लागत से बनी परियोजना को ढाई वर्ष से अधिक समय से संचालन का इंतजार है। परिवहन निगम ने बनने के बाद इस टर्मिनल का हैंडओवर नहीं लिया था। एजेंसियों के आवेदन नहीं आने से मंथन और सलाहकारों के माध्यम से तैयार हुई यह योजना भी असफल होती नजर आ रही है।
36 हजार वर्गमीटर में बने बस टर्मिनल से प्राधिकरण की आय शून्य है। अस्पताल और माल संचालन की योजना तैयार हुई तो प्राधिकरण को लगा कि उसको यहां से एक मोटी रकम किराये के रूप में मिलेगी। योजना के छह माह बीतने के बाद भी इसमें कोई खास प्रगति नहीं है। बस टर्मिनल को बेहद आकर्षक तरीके से बनाया गया है। भूतल पर बस संचालन की पूरी व्यवस्था है। इसमें बुकिंग सेंटर, आफिस, शौचालय, वाणिज्यिक क्षेत्र, पुलिस पोस्ट, यात्री प्रतीक्षालय, फूड कोर्ट, बस रिपयेरिंग की जगह, पार्किंग और सरफेस पार्किंग है।
पहले तल पर दुकानें, फूड कोर्ट, लाइब्रेरी है। दूसरे तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे व कारीडोर है। इसमें उपयोग के हिसाब से प्राधिकरण बदलाव भी कर सकता है। नवंबर 2022 में यह इमारत बनकर तैयार हुई। वर्तमान समय में यहां से सिर्फ तीन बसों का संचालन ही हो रहा है। मंथन के बाद तैयार की गई थी योजनाः टर्मिनल के रखरखाव पर प्रतिवर्ष 1.45 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च प्राधिकरण कर रहा है। यहां से आय का कोई जरिया भी नहीं है। निगम के हैंडओवर नहीं लेने से यहां रखरखाव की जिम्मेदारी भी प्राधिकरण को ही उठानी पड़ रही है। मंथन और सलाहकार के माध्यम से यहां पर ऊपरी तलों पर माल और अस्पताल के संचालन की योजना तैयार हुई। प्री-बिड निकाली गई। आरएफपी के जरिए दो एजेंसियों ने यहां पर रुचि दिखाई। इस स्थिति में यहां पर यह योजना विफल होती नजर आ रही है। प्राधिकरण की ओर से इस पर आगे कोई योजना अभी तैयार नहीं की गई है। वाणिज्यिक और दुकानों को बेचने की योजना भी इससे पहले प्राधिकरण यहां लेकर आया था वह भी सफल नहीं हो सकी।
दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 22 अप्रैल का प्रमुख समाचार “कारखाने में लगी आग, कामगार की मौत” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि बार्डर थाना शांति नगर में कपड़ों पर कढ़ाई करने वाले कारखाने के प्रथम तल पर सोमवार की रात करीब साढ़े नौ बजे अचानक आग लग गई। आग की चपेट में आकर तीन कामगार झुलस गए। जिसमें एक की मौत हो गई। दो का दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। रिहायशी इलाकों में तीन मंजिला मकान में फैक्ट्री चल रही है। पुलिस मालिक से पूछताछ कर रही है। अग्निशमन अधिकारी गैस सिलिंडर में लीकेज के बाद आग का गुबार बनने से आग का कारण मान रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक, लोनी बार्डर थाना क्षेत्र के शांति नगर मोहल्ले में एक तीन मंजिला मकान में चल रही कपड़ों पर कढ़ाई के कारखाने में आग लगने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को मिली। सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो वंदना प्रिंट्स के नाम से चल रही कारखाने के प्रथम तल पर आग लगी थी। आसपास के लोग शोर मचा रहे थे। लोगों ने सबमर्सिबल की मदद से आग पर काबू पाया। आग में तीन कामगार झुलस गए थे। पूरे तल पर रखे धाखे, कपड़े आदि जल गए थे। अन्य तल पर सामान सुरक्षित था। सभी को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां एक कामगार की मौत हो गई। दो की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतक की पहचान निठोरा रोड के मुशीर उर्फ रेहान के रूप में हुई है। मोहम्मद शाद और सरफराज निवासी प्रेम नगर लोनी गंभीर रूप से घायल हैं। आग की सूचना पर सहायक पुलिस आयुक्त अंकुर विहार अजय कुमार सिंह, थाना प्रभारी लोनी बार्डर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस फैक्ट्री मालिक धर्मवीर सिंह से पूछताछ कर रही है। वहीं चर्चा है कि आतिशबाजी का सामान भी मौके से मिला है। यहां आतिशबाजी का सामान तैयार हो रहा था। हालांकि पुलिस जांच के बाद कुछ भी कहने की बात कह रही है।
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