Sunday, 28 April 2024

तीन से ज्यादा हैं बच्चे तो, इस राज्य में महिलाओं को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

असम में मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma (हिमन्त बिश्व शर्मा) ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीण महिलाओं के लिए तीन बच्चों की शर्त अनिवार्य कर दी है

तीन से ज्यादा हैं बच्चे तो, इस राज्य में महिलाओं को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

Assam Child Policy : जनसंख्या नियंत्रण के लिए असम सरकार ने एक अजीबोगरीब फैसला लिया है। असम में मुख्यमंत्री Himanta Biswa Sarma (हिमन्त बिश्व शर्मा) ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्रामीण महिलाओं के लिए तीन बच्चों की शर्त अनिवार्य कर दी है । जिन महिलाओं के तीन से अधिक बच्चे होंगे उन्हें सरकार द्वारा आर्थिक मदद देने वाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।  मुख्यमंत्री के इस ऐलान के मुताबिक ग्रामीण महिलाओं को उद्योग उद्यमिता विकास के लिए सरकारी मदद नहीं मिल पाएगी यदि उनके तीन से अधिक बच्चे हैं।

3 से ज्यादा बच्चे तो नहीं मिलेगी उद्यम के लिए आर्थिक मदद 

3 बच्चों का नियम सरकार फिलहाल सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए लागू करने वाली हैं, जबकि एससी और एसटी महिलाओं के लिए चार बच्चों की शर्त अनिवार्य होगी। हाल ही में राज्य में मुख्यमंत्री हिमन्त विश्व शर्मा ने ,मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (MMUA) की घोषणा करते हुए इन शर्तों का भी ऐलान किया।  साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धीरे-धीरे सरकार की सभी योजनाओं में सीमित बच्चों की संख्या अनिवार्य कर दी जाएगी।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए  नए नियम Assam Child Policy

इससे पहले भी 2019 में बीजेपी सरकार ने ये फैसला किया था कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हे वर्ष 2021 से सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी ।  मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान  स्कीम की बात करें तो अभी इसके लिए कुछ राहत दी गई है, जिसमें सामान्य व ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए तीन बच्चे वह ,एससी एसटी वर्ग की महिलाओं के लिए अधिकतम चार बच्चों की शर्त रखी गई है । मुख्यमंत्री की यह योजना ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देने से जुड़ी हुई है।

मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान (MMUA) में सरकारी आर्थिक मदद के लिए लागू किए नियम 

यह योजना ऐसी महिलाओं की मदद के लिए है जो ग्रामीण इलाकों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है। इस योजना में ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिता से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा । इस योजना में महिलाओं के लिए सालाना 1 लाख  कमाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री हिमन्त विश्व शर्मा का कहना है कि इस स्कीम के साथ बच्चों का संख्या की सीमा इसलिए लगाई गई है जिससे महिलाएं सरकारी धन का उपयोग अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में करें ना कि बच्चों के पालन पोषण के लिए।  यदि उनके ज्यादा बच्चे होंगे तो उनका पैसा बच्चों के पालन पोषण में खर्च होगा, जिससे वह अपने उद्यम को सही तरह आगे नहीं बढ़ा पाएंगी।

नियम के तहत 5 लाख महिलाओं को नहीं मिल पाएगा लाभ Assam Child Policy

असम के मुख्यमंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा ने यह भी बताया कि प्रदेश में लगभग 39 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई है जिसमें 5 लाख महिलाएं बच्चों की संख्या के नियम की बाध्यता के चलते इस स्कीम का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगी । सरकार का कहना है कि इस योजना के तहत 145 उद्यम योजनाएं हैं जिन्हें अपना कर महिलाएं अपना रोजगार और धनार्जन बढ़ा सकती हैं।  सरकार उन्हें मदद करेगी।  पहले साल सरकार उनकी आर्थिक उनकी 10 हज़ार रुपये की  आर्थिक मदद करेगी।  नियम और शर्तें पूरी करने के बाद उन्हें आगे सरकार द्वारा दोबारा साढ़े 12  हजार रुपए और बैंक द्वारा इतनी ही रकम लोन के रूप में दी जाएगी । इसके साथ ही बच्चों की संख्या सीमित करने के साथ ही कुछ और शर्तें भी रखी गई हैं। जिन लाभार्थियों की गर्ल चाइल्ड है तो उसका नाम स्कूल में जरुर लिखा होना चाहिए, यदि बच्ची उम्र स्कूल जाने नहीं है तो महिला को एक अंडरटेकिंग साइन करना होगा कि स्कूल की जाने की उम्र हो जाने पर स्कूल में नाम लिखा दिया जाएगा और साथ ही राज्य में चल रही थी प्लांटेशन की योजना के तहत पेड़ भी लगाना अनिवार्य होगा । सरकार द्वारा अमृत वृक्ष आंदोलन चलाया जा रहा है जिसके तहत लड़की का जन्म होने पर पौधा लगाया जाता है। 2019 में बीजेपी सरकार ने यह फैसला किया था कि जिन लोगों की दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी ,2021 से ऐसे लोग सरकारी नौकरी नहीं के लिए पात्र नहीं होंगे।

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