Tuesday, 21 May 2024

Success Story : गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया एप, मिला यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड

Success Story : सैय्यद अबू साद Success Story :  झांसी। यूपी के झांसी की अनिंदिता जैन ने एक ऐसा एप…

Success Story : गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया एप, मिला यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया अवार्ड

Success Story :

सैय्यद अबू साद

Success Story :  झांसी। यूपी के झांसी की अनिंदिता जैन ने एक ऐसा एप तैयार किया है, जिसकी तारीफ आज पूरे देश के वैज्ञानिक कर रहे हैं। उन्होंने मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के लिए ‘लक्ष्मी’ नाम का एक एप तैयार किया है। अब के इस एप ने अनिंदिता को ‘यंग साइंटिस्ट ऑफ इंडिया’ अवार्ड दिलवा दिया है। गर्व की बात ये है कि देश के 5000 से अधिक युवाओं में से उनका चयन किया गया है। चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में अनिंदिता को यह सम्मान दिया गया। अनिंदिता के अनुसार ‘लक्ष्मी’ एप मातृत्व मृत्यु दर को कम करने में कारगर साबित होगा। इस एप के द्वारा आशा वर्कर, डॉक्टर और प्रेगनेंट महिलाएं एक दूसरे से जुड़ सकती हैं।

क्या है लक्ष्मी एप्प
अनिंदिता जैन द्वारा बनाया गया लक्ष्मी एप, मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के लिए बनाया गया मोबाइल एप है। इस एप के माध्यम से आशा वर्कर, डॉक्टर और प्रेग्नेंट महिलाएं एक दूसरे से जुड़ सकती हैं। कम पढ़ी-लिखी व अशिक्षित महिलाएं भी इस एप पर इमोजी के माध्यम से बातचीत कर सकती हैं। लक्ष्मी एप द्वारा गर्भवती महिला, आशा वर्कर व चिकित्सक सभी एक दूसरे से जुड़कर अपनी समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। इसके माध्यम से आयरन, फ़ॉलिक एसिड टेबलेट के डोज से लेकर प्रेगनेंट महिला के स्वास्थ्य की स्थिति तक पर चिकित्सक और आशा वर्कर नजर रख सकते हैं। यदि कोई मरीज गंभीर स्थिति में इमरजेंसी में पहुंच रहा है तो वह एप के माध्यम से इमरजेंसी के चिकित्सक के ड्यूटी मोबाइल पर नोटिफाई कर सकता है ताकि चिकित्सक व स्टॉफ को तैयार होने का समय मिल सके और बेहतर उपचार प्रदान किया जा सके।

मन की बात से मिली प्रेरणा
अनिंदिता झांसी के ही एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती हैं। अनिंदिता ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बार मातृत्व मृत्यु दर को कम करने की बात कहते सुना है। एप बनाने की प्रेरणा उन्हें प्रधानमंत्री की इन्हीं बातों से मिली, जिसके बाद उन्होंने इसे तैयार करने में अपनी पूरी मेहनत लगा दी। उनका कहना है कि लक्ष्मी एप को बनाने में उनके स्कूल के शिक्षकों ने भी उनकी बहुत मदद की है। गौरतलब है कि अनिंदिता के पिता डॉ. अंशुल जैन झांसी के पैरामेडिकल कॉलेज के निदेशक हैं। वह खुद भी मरीजों की मदद के लिए कई अनोखी तकनीक और ऐप तैयार कर चुके हैं। अपनी बेटी के काम से वे बेहद खुश हैं।

Pratapgarh : हैवान बनी पुलिस, डीएल न होने पर लगाया करंट, जाने पूरी कहानी

Related Post