Tulsi Pujan Diwas 2023 : आज तुलसी पूजन दिवस है। तुलसी पूजन दिवस का विशेष धार्मिक महत्व होता है। माना जाता है कि तुलसी माता होती हैं और मां लक्ष्मी का रूप भी कही गई हैं। इसके अलावा भगवान विष्णु की भक्त होने के चलते तुलसी को श्रीहरि की प्रिय भी माना जाता है। इसीलिए तुलसी को हरिप्रिया भी कहते हैं। ऐसे में तुलसी पूजा करने से मान्यतानुसार घर में सुख-समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।आपको बता दें कि आजके दिन घर में नया तुलसी का पौधा लगाने की प्रथा है। तुलसी पूजा करने पर धन, समृद्धि और खुशहाली घर में आती है। बताया जाता है कि तुलसी पूजन करने के लिए सुबह उठकर स्नान किया जाता है। स्नान पश्चात तुलसी को जल चढ़ाया जाता है। रोली या सिंदूर लेकर तुलसी को तिलक करते हैं और तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाया जाता है। इसके बाद तुलसी स्तोत्र का पाठ करते हैं। तुलसी पूजन दिवस के दिन तुलसी आरती करके पूजा संपन्न की जाती है।
आरती
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।
मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
मैय्या जय तुलसी माता।।
Tulsi Pujan Diwas 2023
तुलसी मां को मिठाई या फल का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन तुलसी बीज माला भी धारण की जा सकती है।
तुलसी के पौधे का महत्व धर्मशास्त्रों में भी बखूबी बताया गया है। तुलसी के पौधे को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे से कई आध्यात्मिक बातें जुड़ी हैं। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को तुसली अत्यधिक प्रिय है। तुलसी के पत्तों के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। क्योंकि भगवान विष्णु का प्रसाद बिना तुलसी दल के पूर्ण नहीं होता है। तुलसी की प्रतिदिन का पूजा करना और पौधे में जल अर्पित करना हमारी प्राचीन परंपरा है। मान्यता है कि जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि, सौभाग्य बना रहता है। कभी कोई कमी महसूस नहीं होती।
– जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर की कलह और अशांति दूर हो जाती है। घर-परिवार पर मां की विशेष कृपा बनी रहती है।
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पत्तों के सेवन से भी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी का सेवन करता है, उसका शरीर अनेक चंद्रायण व्रतों के फल के समान पवित्रता प्राप्त कर लेता है।
– तुलसी के पत्ते पानी में डालकर स्नान करना तीर्थों में स्नान कर पवित्र होने जैसा है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति ऐसा करता है वह सभी यज्ञों में बैठने का अधिकारी होता है।
– भगवान विष्णु का भोग तुलसी के बिना अधूरा माना जाता है. इसका कारण यह बताया जाता है कि तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं।
– कार्तिक महीने में तुलसी जी और शालीग्राम का विवाह किया जाता है। कार्तिक माह में तुलसी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी पूजन और उसके पत्तों को तोडऩे के लिए नियमों का पालन करना अति आवश्यक है।
तुलसी पूजन के नियम
Tulsi Pujan Diwas 2023
– तुलसी का पौधा हमेशा घर के आंगन में लगाना चाहिए. आज के दौर में में जगह का अभाव होने की वजह तुलसी का पौधा बालकनी में लगा सकते है
– रोज सुबह स्वच्छ होकर तुलसी के पौधे में जल दें और एवं उसकी परिक्रमा करें
– सांय काल में तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं, शुभ होता है
– भगवान गणेश, मां दुर्गा और भगवान शिव को तुलसी न चढ़ाएं
– आप कभी भी तुलसी का पौधा लगा सकते हैं लेकिन कार्तिक माह में तुलसी लगाना सबसे उत्तम होता है
– तुलसी ऐसी जगह पर लगाएं जहां पूरी तरह से स्वच्छता हो
– तुलसी के पौधे को कांटेदार पौधों के साथ न रखें
तुलसी की पत्तियां तोडऩे के भी कुछ विशेष नियम हैं-
– तुलसी की पत्तियों को सदैव सुबह के समय तोडऩा चाहिए. अगर आपको तुलसी का उपयोग करना है तो सुबह के समय ही पत्ते तोड़ कर रख लें, क्योंकि तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते हैं
– बिना जरुरत के तुलसी को की पत्तियां नहीं तोडऩी चाहिए, यह उसका अपमान होता है
– तुलसी की पत्तियां तोड़ते समय स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें
– तुलसी के पौधे को कभी गंदे हाथों से न छूएं
– तुलसी की पत्तियां तोडऩे से पहले उसे प्रणाम करना चाहिए और इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए- महाप्रसाद जननी, सर्व
सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते
– बिना जरुरत के तुलसी को की पत्तियां नहीं तोडऩी चाहिए, यह उसका अपमान होता है
– रविवार, चंद्रग्रहण और एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोडऩा चाहिए
तुलसी वृक्ष ना जानिये। गाय ना जानिये ढोर।।
गुरू मनुज ना जानिये। ये तीनों नन्दकिशोर।।
अर्थात- तुलसी को कभी पेड़ ना समझें गाय को पशु समझने की गलती ना करें और गुरू को कोई साधारण मनुष्य समझने की भूल ना करें, क्योंकि ये तीनों ही साक्षात भगवान रूप हैं।Tulsi Pujan Diwas 2023
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