Noida News : नोएडा में शासन और प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी करीब एक दर्जन बिल्डर ऐसे हैं जो न तो नोएडा प्राधिकरण की बैठक में शामिल हुए और न तो उन्होंने 25 फीसदी धनराशि जमा की और न ही अपनी कोई सहमति दी। इन पर 25 मई के बाद कभी भी कार्यवाही हो सकती है और उनके प्रोजेक्ट भी सील किए जाएंगे।
बिल्डरों को भेजा गया था नोटिस
एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड बैठक में ऐसे बिल्डर्स का एजेंडा रखा जाएगा तथा सीलिंग की कार्रवाही का अनुमोदन किया जाएगा।
इन 12 बिल्डरों को प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी किया गया। जिसका जवाब भी अब तक नहीं दिया गया। ऐसे में इनकी प्रापर्टी का सर्वे कराया गया। ताकि इनको सील कर प्राधिकरण बकाया निकाले और रजिस्ट्री खोली जा सके। प्राधिकरण एसीईओ वंदना त्रिपाठी ने बताया इन बिल्डरों की जो भी खाली इंवेट्री प्रापर्टी है उसको सील किया जाएगा। ताकि बकाया मिल सके और रजिस्ट्री शुरू हो सके। बकायेदार बिल्डरों के टीबी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड इन पर 55.27 करोड़, एमपीजी रियेल्टी प्राइवेट लिमिटेड 38.92 करोड़ , एजीसी रिएल्टी प्राइवेट लिमिटेड 20.80 करोड़, सिविटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड 8.77 करोड़, मनीषा किबी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड 0.38 करोड़, आईवीआर प्राइम 659.92 करोड़, एसोटेक लिमिटेड 267.80 करोड़, एसोटेक कांट्रैक्टस लिमिटेड 189.88 करोड़, आर जी रेजिडेंस प्राइवेट लिमिटेड 170.10 करोड़, गार्डेनिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 111.84 करोड़, फ्यूटेक शेल्टर प्राइवेट लिमिटेड 114.71 करोड़, एवीपी बिल्डटैक प्राइवेट लिमिटेड 58.38 करोड़ की देनदारी बाकी है।
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जारी हुए आकड़े
आकड़ों को देखे तो नोएडा में 57 में से 22 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत धनराशि रुपए 173.77 करोड़ जमा करा दी है। इन 20 बिल्डरों से नोएडा प्राधिकरण को लगभग रुपए 450 करोड़ मिलेगा। 4 बिल्डरों द्वारा कुल 25 प्रतिशत धनराशि 83.47 करोड़ में आंशिक धनराशि 53.68 करोड़ जमा कराई। 18 ऐसे बिल्डर है जिन्होंने 25 प्रतिशत धनराशि जमा कराने के लिए सहमति दी है। जिन बिल्डरो ने 25 प्रतिशत रकम दी उनसे कुल 1604 रजिस्ट्री होंगी। प्राधिकरण ने 01 मार्च, 29 अप्रैल और 08 मई को अलग अलग स्थानों पर कैंप लगाकर 530 रजिस्ट्रियां कराई।
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