Thursday, 21 November 2024

घर में बुजुर्गों का कैसे रखें ख्याल, अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स

Elder care tips : उम्र के आखरी पड़ाव में जब व्यक्ति बिल्कुल अकेला हो जाता है तो उसे सबके प्यार…

घर में बुजुर्गों का कैसे रखें ख्याल, अपनाएं ये छोटे-छोटे टिप्स

Elder care tips : उम्र के आखरी पड़ाव में जब व्यक्ति बिल्कुल अकेला हो जाता है तो उसे सबके प्यार और देखभाल की आवश्यकता होती है। बुजुर्गों की देखभाल करना हमारी जिम्मेदारी ही नहीं हमारा फर्ज भी है। हमें अपने से बड़े लोगों और बुजुर्गों का ख्याल रखना चाहिये इसके लिये जरूरी है उनकी देखभाल के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनसे प्यार करें, उनका सम्मान करें। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है वैसे-वैसे स्वाभाव में बदलाव होना स्वाभाविक है। इसके साथ उनके व्यवहार में भी काफी परिवर्तन हो जाते हैं। वे छोटी-छोटी बात पर गुस्सा हो जाते हैं और थोड़े चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि उन्हें लगता है कि उन पर कोई ध्यान नहीं देता है या फिर उनकी कोई अहमियत नहीं है। उन पर गुस्सा करने की बजाय उनसे प्यार से डील करें। इसके लिये हम आपको यहा कुछ छोटी-छोटी बातें बताने जा रहे हैं जिनको ध्यान में रख कर आप उनको खुश रख सकते हैं और उनका ध्यान भी रख सकते हैं।

उनको उनकी अहमियत का अहसास करायें

बुजुर्गो को बदलते समय में उन्हें यह एहसास कराने की जरूरत होती है कि वे हमारे लिए कितने खास हैं। जब बुजुर्गों को अहमियत दी जाती है तो पारिवारिक और सामाजिक संगठन मजबूत होता है। रिश्ते प्रगाढ़ होते हैं और समाज का ढांचा चरमराने से बचता है। किसी भी कारण वश यदि आप उनसे दूर रहते हैं तो कुछ समय के लिये छुट्टियां बिताने उनके पास जरूर जाएं। इससे घर का माहौल खुशनुमा हो जाता है।

सुरक्षा का रखें ध्यान

आजकल बदलते परिवेश मे घर हो या बाहर बुजुर्गों के साथ हिंसा हो रही है। बाजार मे कई ऐसे गैजेट्स और उपकरण मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल करके आप उनकी सुरक्षा का ख्याल रख सकते हैं। घर में सीसीटीवी और अगर वो बाहर जा रहे हैं तो जीपीएस ट्रैकर से उनकी गतिविधि पर नजर रखें।

परेशानी मे उनसे परामर्श या सलाह लें

आजकल का युवा वर्ग सोचता है कि यदि वह अपनी प्रॉब्लम बड़ों को बताएंगे तो वह परेशान हो जायेंगे। लेकिन सच्चाई इससे अलग है अगर आप अपनी परेशानी अपने घर के बड़ों से शेयर करेंगे तो एक तो उनके तजुर्बे से आपको मदद मिलेगी। इसके साथ उनको अहसास होगा की उनकी राय आपके लिये कितनी जरूरी है। वसीयत, पावर ऑफ अटार्नी समेत ऐसे कई कानूनी मामलों में आप माता-पिता से बेहिचक बात करें। उन्हें सलाह भी दें और उनसे सलाह भी लें।

साथ बैठ कर खाना खायें

जब भी आपको मौका मिले उनके साथ डिनर का प्रोग्राम बनाएं। घर पर भी कुछ अलग या स्पेशल बनने में उनकी मदद लें और साथ बैठ कर भी खायें। कभी-कभी हो सके तो उनके रुचि और मन का ख्याल रखते हुए उनके लिए अच्छी डिश पकाएं और उन्हें अपने हाथों से परोसें। इससे रिश्तों मे मधुरता आती है।

उनको दोस्त बनाने दें

बुजुर्गों के हर काम में दखलंदाजी न करें उन्हें हमेशा सम्मान दें। ऐसी कोई बात ना कहें जिससे उनके दिल को बुरा लगे। उन्हें बाहर जाने दें, लोगों से मिलने जुलने का मौका दें और नये दोस्त बनाने दें। जिनके साथ उठने-बैठने से उनका मन हल्का होगा उनका अकेलापन दूर होगा और वह खुश रहेंगे। हमारे बुजुर्ग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं उनका अनुभव हमें निरंतर मार्गदर्शन करता रहता है ।जिस प्रकार एक बड़ा वृक्ष ज्यादा फल देता है। उसी प्रकार बुजुर्गों का अनुभव फलदार वृक्ष की तरह है। समाज और परिवार के लोगों को यह ख्याल रखना चाहिए कि ये फलदार वृक्ष कभी सूखें नहीं।

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