Friday, 13 December 2024

Amrita Shergil : आठ फ़रवरी से शुरू होंगे कार्यक्रम, 110वीँ जयंती पर होगा आयोजन

हंगरी के कला केंद्र से जुड़े संस्थान ‘लिज्ट’ एवं भारतीय संस्थान राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय’ (एनजीएमए) ने मंगलवार के दिन…

Amrita Shergil : आठ फ़रवरी से शुरू होंगे कार्यक्रम, 110वीँ जयंती पर होगा आयोजन

हंगरी के कला केंद्र से जुड़े संस्थान ‘लिज्ट’ एवं भारतीय संस्थान राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय’ (एनजीएमए) ने मंगलवार के दिन यह घोषणा की कि भारतीय मूल की कलाकार Amrita Shergil की 110वीँ जयंती पर 8 फरवरी से अमृता 110 प्रोजेक्ट की शुरुआत की जायेगी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय मूल की महान कलाकार Amrita Shergil की हंगरी से जुड़ी हुई यादों को साझा करना और उनके बारे में जानकारी देना होगा।

हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था जन्म

Amrita Shergil के पिता एक भारतीय मूल के नागरिक थे जबकि उनकी माता हंगरी की रहने वाली थीं। 30 जनवरी 1913 को उनका जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था। उन्होंने अपना बचपन यहीं हंगरी में व्यतीत किया। एक कलाकार के तौर पर उन्होंने दोनों देशों के बीच एक मज़बूत कड़ी का निर्माण किया और यह आयोजन उनके इसी योगदान का एक जश्न होगा।

एक साल तक चलेंगे ये कार्यक्रम

Amrita Shergil की याद में प्रारम्भ होने वाले इस आयोजन की अवधि एक वर्ष होगी और इसकी शुरुआत 8 फरवरी को एक 20 कृतियों वाली कला प्रदर्शनी से होगी। यह आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में होगा।

हिंदुस्तान की फ्रीडा काहलो थीं Amrita Shergil

देश विदेश में अपनी कला के लिए जानी जाने वाली अमृता को हिंदुस्तान की फ्रीडा काहलो कहा जाता है। यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी कि वे गोरखपुर शहर के आगे एक सरदारनगर में पड़ने वाले सराया नाम के कस्बे में लगभग 2 सालों तक रहीं थीं। और उन्होंने यह वक़्त अपने पति डॉ विक्टर एगोन के संग गुजारा था। इसके साथ साथ वे गोरखपुर में भी कुछ समय गुजार चुकी थीं। उन्हें पेंटिंग के साथ साथ संगीत और कई भाषाएँ सीखने का भी शौक था। उनके बारे में कहा जाता है कि वे बचपन से ही थोड़े विद्रोही स्वभाव की थीं। उन्हें बचपन में एक कान्वेंट स्कूल से इसलिए निकाल दिया गया था क्योंकि जब उनसे उनका धर्म पूछा गया तो उन्होंने खुद को नास्तिक बता दिया था।

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