Monday, 16 December 2024

उत्तर प्रदेश में मौजूद है विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी

UP News : उत्तर प्रदेश भौगोलिक (आकार) मामले में भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। भारत के सबसे बड़े प्रदेश…

उत्तर प्रदेश में मौजूद है विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी

UP News : उत्तर प्रदेश भौगोलिक (आकार) मामले में भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय) भी स्थापित है। आकार (साइज) की दृष्टि से उत्तर प्रदेश की इस यूनिवर्सिटी से बड़ी पूरी दुनिया में एक भी यूनिवर्सिटी नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में स्थापित विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी की स्थापना 104 वर्ष पहले हुई थी।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में है विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी के नाम से प्रसिद्ध शहर है। वाराणसी के सांसद नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। इसी वाराणसी शहर का एक नाम बनारस भी है। उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में मौजूद है विश्व की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी। इस यूनिवर्सिटी का नाम बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय है। अंग्रेजी में इस विश्वविद्यालय को BHU कहा जाता है। BHU की शुरूआत 4 फरवरी 1916 को हो गई थी। उत्तर प्रदेश की  BHU का विधिवत उद्घाटन 13 दिसंबर 1921 को हुआ था। BHU का उद्घाटन अंग्रेजों के शासकों में शामिल प्रिन्स ऑफ वेल्स ने किया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने BHU के उद्घाटन समारोह में बहुत ही सारगर्भित भाषण दिया था। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थापित BHU पूरे 1300 एकड़ जमीन पर फैली हुई है। इतने बड़े क्षेत्रफल पर दुनिया की दूसरी कोई भी यूनिवर्सिटी स्थापित नहीं है।

काशी नरेश ने दान में दी थी BHU को जमीन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को ही बनारस भी कहा जाता है। इसी वाराणसी अथवा बनारस को पहले काशी नगरी कहा जाता था। काशी में लम्बे समय तक राजा आदित्य नारायण सिंह का राज था। काशी नरेश राजा आदित्य नारायण सिंह ने ही 1300 एकड़ अपनी जमीन BHU के निर्माण के लिए दान में दी थी। यह दान उन्होंने प्रसिद्ध समाजसेवी तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय के निवेदन पर दिया था। पंडित मदन मोहन मालवीय ही सही अर्थों में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक थे। इसी विश्वविद्यालय को पूर्व में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय भी कहा जाता था।

दिन भर पैदल चलकर नाप ली थी BHU की जमीन

काशी के राजा आदित्य नारायण सिंह के सामने पंडित मदन मोहन मालवीय ने विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा था। उस समय काशी नरेश उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु पूरे भारत के प्रसिद्ध राजा था। उन्होंने विश्वविद्यालय के लिए जमीन दान में देने की सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी। काशी नरेश आदित्य नारायण सिंह ने पंडित जी से कहा कि वें एक दिन में पैदल चलकर जितनी जमीन पर यात्रा कर लेंगे वह पूरी जमीन दान में दे दूंगा। पंडित मदन मोहन मालवीय ने पूरे दिन 1300 एकड़ जमीन पर यात्रा पूरी कर ली। इस प्रकार BHU के निर्माण के लिए 1300 एकड़ जमीन दान में दी गई। BHU के लिए दान में दी गई जमीन 11 गांवों में फैली हुई थी। इस जमीन पर 70 हजार पेड़, 100 पक्के कुएं, 20 कच्चे कुएं, 860 कच्चे घर तथा 40 पक्के मकान बने हुए थे। इस प्रकार एक विशालकाय क्षेत्र पर उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। BHU दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। अमेरिका की प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी उत्तर प्रदेश की इस यूनिवर्सिटी के सामने छोटी ही है। अब आप समझ गए हैं कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौजूद है दुनिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी। UP News

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