Saturday, 23 November 2024

World Soil Day 2023: ‘जीवन का स्त्रोत-मिट्टी और पानी’ इस नए थीम के साथ मनाया जा रहा विश्व मृदा दिवस

मिट्टी के प्रति आवश्यक जानकारी और इसकी बेहतरी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश से मनाया जाता है ‘World Soil…

World Soil Day 2023: ‘जीवन का स्त्रोत-मिट्टी और पानी’ इस नए थीम के साथ मनाया जा रहा विश्व मृदा दिवस

मिट्टी के प्रति आवश्यक जानकारी और इसकी बेहतरी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश से मनाया जाता है ‘World Soil Day’

World Soil Day 2023 : आज विश्व मृदा दिवस है। प्रतिवर्ष 5 दिसंबर का दिन ‘विश्व मृदा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। सम्पूर्ण विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मिट्टी का विशेष महत्व होता है। आखिरकार हम सब इस मिट्टी में ही उपजी फसलों का सेवन करके ही तो बड़े होते हैं। ऐसे में मिट्टी के प्रति आवश्यक जानकारी रखना और इसकी बेहतरी के लिए जागरूक होना बेहद जरुरी है। इस जागरूकता को ही विश्व भर में फैलाने के लिये प्रत्येक वर्ष 5 दिसम्बर को World Soil Day या विश्व मृदा दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

वर्तमान समय में अधिकांश कृषक यह इच्छा रखते हैं कि उनके खेतों की मिट्टी ज्यादा से ज्यादा उर्वरक बने। इसलिए वे विभिन्न कार्बनिक यौगिकों, कीटनाशकों आदि का आवश्यकता से अधिक प्रयोग करने लगते हैं और इसका परिणाम यह होता है कि मिट्टी अपने प्राकृतिक गुण व क्षमता को खोने लगती है। ऐसे में मृदा संरक्षण के बारे में बात करना एवं जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक मुद्दा बन गया है।

World Soil Day 2023 : क्या है विश्व मृदा दिवस का इतिहास?

वैसे तो विश्व मृदा दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में 20 दिसम्बर के दिन UNGA के द्वारा की गयी थी किन्तु पूरी तैयारियों के साथ इसे वर्ष 2014 में 5 दिसम्बर के दिन पहली बार मनाया गया था। यूनाइटेड नेशन्स फूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन तथा खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO ) जैसी बड़ी संस्थाओं ने इस कार्यक्रम को समर्थन दिया। इससे जुड़ा हुआ एक इतिहास यह भी है कि 5 दिसम्बर को एच.एम भूमिबोल अदुल्यादेज का जन्मदिवस होता है जिन्होंने इस पहल का सर्वाधिक समर्थन किया था।

विश्व मृदा दिवस 2023 की थीम

प्रति वर्ष विश्व मृदा दिवस मनाने के लिए वर्ल्ड फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) द्वारा एक थीम निर्धारित की जाती है। साल 2023 के लिए जो थीम निर्धारित की गई है वो है – ‘ मिट्टी और पानी : जीवन का एक स्रोत (Soil And Water: A Source of Life)। जैसा कि सभी जानते हैं हमारा जीवन मिट्टी और पानी के बीच के अनमोल संबंध पर निर्भर करता है। मिट्टी और पानी सभी स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के कामकाज के लिए मौलिक है, और हमारा 95% से अधिक भोजन इन दो संसाधनों से ही उत्पन्न होता है।

क्यों जरुरी है मृदा संरक्षण के प्रति जागरूक होना?

सबसे पहले तो मिट्टी कई सारे जीवों का घर है जो इस पर्यावरण का अहम हिस्सा हैं। अगर हम सभी इस पर्यावरण में एक बैलेंस बना कर रखना चाहते हैं तो मिट्टी का संरक्षण करना आवश्यक है। दूसरा सबसे अहम कारण यह है कि इस मिट्टी से ही हमें तरह -तरह के फल, सब्जी एवं अनाज प्राप्त होते हैं और इनकी गुणवत्ता मिट्टी के स्वास्थ्य पर ही निर्भर करती है। मिट्टी में मौजूद तत्व कार्बन व अन्य गैसों को एकत्र करने का कार्य करते हैं तथा मानव जीवन को इन हानिकारक चीजों से सुरक्षित रखते हैं। वृक्षों की जड़ें मिट्टी से ही बंधी रहती हैं और वृक्ष ही पृथ्वी पर वर्षा कराने का मुख्य कारण माने जाते हैं। इन सभी मुख्य बिंदुओं को देखते हुए हम यह भली भांति समझ सकते हैं कि एक बेहतर मानव जीवन के लिए मृदा का संरक्षण और उसका स्वस्थ होना अत्यंत जरुरी है।

Related Post