Lata Mangeshkar Birth Anniversary- संगीत को एक अलग ही रूप प्रदान करने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी का आज जन्मदिन है। लता मंगेशकर ने भारतीय संगीत को बहुत ऊंचाई प्रदान की है। उन्होंने न सिर्फ हिंदी में बल्कि 36 अलग- अलग भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किये हैं। उनकी आवाज़ का जादू सबके सिर चढ़कर बोलता है। हर कोई उनकी आवाज़ सुनकर उनकी आवाज का प्रेमी हो जाता था। उन्हें यूं ही स्वर कोकिला नहीं कहा जाता है।
आसान नहीं था इनका सफर –
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था उनका बचपन अभावों में गुजरा। उनके सर से मात्र 13 साल की उम्र में पिता का साया उठ गया था। ये वो समय था जब लता के ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। जिसके बाद उन्होंने अपनी विधवा मां के साथ 3 बहनें और भाइयों के लिए काम की शुरुआत की। उन्होंने गायकी को ही अपने जीवान-यापन का जरिया बनाया।
5 साल की उम्र में पहला गाना गाया
लता(Lata Mangeshkar) ने मात्र 5 साल की उम्र से गायकी शुरू कर दी थी लेकिन घर पर कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ पड़ने पर उन्होंने इसे प्रोफेशन बना लिया। उन्होंने गायकी की शुरुआत मराठी फिल्म में गाना गाकर किया था। उनका पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ का ‘नाचू या गड़े’ था इस गाने को संगीत दिया था सदाशिवराव ने दिया। इसके बाद उन्होंने मराठी फिल्मों में गाना जारी रखा।
दिल मेरा तोड़ा गाने से हुईं थी हिट
साल 1948 में लता को फिल्म ‘मजबूर’ में मास्टर गुलाम हैदर में एक गाना गवाया, गाने के बोल थे ‘दिल मेरा तोड़ा’, इसके बाद लता की किस्मत बदल गई। इस फिल्म के साथ-साथ इस फिल्म गीत और संगीत दोनों हिट हो गया। इसके बाद लता इंडस्ट्री की एक जानी मानी हस्ती बन गईं।
पिता जिंदा होते तो नहीं बनती सिंगर-
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने एक इंटरव्यू के दौरान बड़ी दिलचस्प बात साझा की थी। उन्होंने बताया था कि उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर को बहुत समय तक पता ही नहीं था कि वो गाना गाती हैं। उन्होंने यहां तक कहा था, “पिताजी जिंदा होते तो मैं शायद सिंगर नहीं होती। गाना गाने पर कई बार उनकी मां से भी उन्हें डांट मिली थी।
इस वजह से नहीं की शादी :
क्या आप सब जानते हैं कि सुरों की कोकिला ने कभी शादी नहीं की थी और वो ताउम्र कुंवारी ही रही थीं? लेकिन ऐसा क्यों? उन्होंने कभी शादी क्यों नहीं की। इसके पीछे भी एक दिलचस्प वजह है। इसके पीछे है उनकी अधूरी प्रेम कहानी। लता को एक समय में एक ऐसे इंसान से प्यार हुआ था जिससे उनकी शादी ही न हो पाई। दरअसल लता मंगेशकर को डूंगरपुर राजघराने के महाराजा से प्यार हो गया था। महाराजा का नाम राज सिंह था। लता इनसे बहुत ज्यादा मोहब्बत करने लगी थीं। ऐसा बताया जाता है कि महाराजा लता के भाई हृदयनाथ मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के दोस्त थे। महाराजा को भी लता पसंद थीं लेकिन इसके बाद भी दोनों कभी एक नहीं हो पाए।
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की अधूरी प्रेम कहानी:-
दरअसल महाराजा ने अपने माता- पिता से यह वादा किया हुआ था कि वो कभी किसी आम घराने की लड़की के शादी नहीं करेंगे। जिसके चलते उन्होंने कभी लता से शादी नहीं की। महाराजा ने भी अपने वादे को मरते दम तक निभाया। वहीं इसके बाद लता जी ज़िम्मेदारियों को बोझ तले इतना फंस गई कि उन्हें फिर शादी और प्यार के बारे में सोचने का मौका ही नहीं मिला। लता (Lata Mangeshkar Love story) और राज दोनों ने ताउम्र रहकर अपनी अपनी अधूरी प्रेम कहानी को नया रूप दिया। राज लता को प्यार से मिट्ठू पुकारा करते थे। उनकी जेब में हमेशा लता के गानों की रिकॉर्डिंग हुआ करती थी। फिर 2009 में राज इस दुनिया को छोड़कर चले गए।
लता जी ने 1000 से भी ज्यादा हिंदी गानों में अपनी आवाज़ प्रदान की है। 1989 में उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और वहीं 2001 में लता जी को भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। फरवरी 2022 में लता जी हम सभी को छोड़कर चली गई। भले ही आज वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मीठी और सुरीली आवाज आज भी हम सभी के दिलों में जिंदा है।