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Bihar Museum : अतीत को नयी टेक्नोलॉजी के जरिये जानने की कोशिश है बिहार का नया संग्रहालय

Bihar Museum

Know the new museum of Bihar on International Museum Day

Bihar Museum : बिहार को भारत के सबसे प्राचीन स्थानों में से एक माना जाता है और इसके ऐतिहासिक एवं शैक्षिक महत्व से हर कोई भली-भांति परिचित है। यहाँ अनेकों ऐसे प्राचीन स्थल हैं जो भारत के अमूल्य इतिहास के बारे में लोगों को दर्शन कराते हैं किन्तु बिहार के नव-निर्मित स्थानों पर भी अब आप भारत के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं और इन्हीं में से एक है – Bihar Museum. यहाँ आने वाले सभी टूरिस्ट के लिए यह म्यूजियम एक बड़ा आकर्षण का केंद्र रहता है। तो चलिए जानते हैं क्या है ख़ास बिहार के इस नये संग्रहालय में?

 

संग्रहालय की कई गैलरी में मौजूद है बिहार का गौरवशाली अतीत

वैसे तो बिहार के इतिहास के बारे में हम सभी लोग काफी लम्बे समय से पढ़ते आ रहे हैं लेकिन Bihar Museum में मौजूद कई प्रकार की ऐतिहासिक गैलरी एक नये तरीके से प्राचीन बिहार को दर्शकों के सामने प्रस्तुत करती हैं। इतिहास से जुड़े कई रोचक सवालों जैसे कि, बिहार की कला और संस्कृति कितनी अमूल्य थी? यहाँ पर मौर्य शासन काल कैसा था? आदिमानव का जीवन कैसा होता था? भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति कैसे हुई थी? आदि के संतुष्ट करने वाले जवाब Bihar Museum में मौजूद हैं।

 

थ्री -डी स्क्रीन पर बिहार के इतिहास को जानने का मौका

यूँ तो Bihar Museum में ऐसी कई चीजें मौजूद हैं जो इसे भारत के अन्य संग्रहालयों से अलग बनाती हैं लेकिन थ्री -डी स्क्रीन पर नालंदा की गुफाओं का चित्रण और उनमें रहने वाले बौद्ध भिक्षुओं के जीवन का स्पष्ट प्रदर्शन देखना ऐसा प्रतीत होता है जैसे आप स्वयं उस युग में पहुँच गए हों और उन्हीं के जीवन काल का एक हिस्सा बन गए हों।

संगीत और धर्म का अद्भुत मेल है Bihar म्यूजियम

बिहार के इस नये संग्रहालय में आप सूफ़ी संगीत को सुन और समझ सकते हैं और यही नहीं आप यहाँ बिहार के समीपवर्ती जिले कैमूर के मुंडेश्वरी मंदिर के दर्शन भी एक थ्री डी स्क्रीन पर कर सकते हैं। यहाँ इसके लिए एक अलग से गैलरी बनाई गयी है जिसमें आप आरती और दर्शन का लाभ ले सकते हैं।

 

मुग़ल और अंग्रेजी सल्तनत की एक झलक दिखाता Bihar Museum

इसी म्यूजियम की एक अन्य गैलरी जहाँ अंग्रेजी तोपों और मुग़ल शासक शेरशाह सूरी के मकबरे को भी थ्री डी स्क्रीन पर दिखाया जाता है, वह भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

बड़े -बड़े म्यूजियम से होती है तुलना

आज इंटरनेशनल म्यूजियम डे पर आपको यह जानकारी होना भी जरुरी है कि भारत का सबसे प्राचीन म्यूजियम कोलकाता में मौजूद है और यह इतना अधिक बड़ा है कि इसे पूरी तरह घूमने में आपको दो दिन से भी ज्यादा का समय लग सकता है। लेकिन ज़ब बात अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध संग्रहालयों की आती है तो बिहार का यह म्यूजियम विदेशों के कई बड़े म्यूजियम से टककर लेता है। इसकी तुलना लंदन की टेट ब्रिटेन मिल बैंक म्यूजियम, सिडनी का गैलरी ऑफ न्यू साउथ वेल्स, कनाडा का कनाडियम म्यूजियम फार ह्यूमन राइटस, फ्रांस का लयूबर लेंस, पस-डे- कलाइस और अबूधाबी के द जायद नेशनल म्यूजियम आदि से की जाती है।

Bihar Museum

2017 में आम जनता के लिए खोले गए इस म्यूजियम का देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी भ्रमण किया और यहाँ मौजूद दीदारगंज की यक्षी प्रतिमा को खूब सराहा।

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