Zakir Hussain Death: मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया है। ये 3 हफ्ते से अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे। जहां सोमवार, 16 दिसंबर को उन्होंने आखिरी सबसे ली। शुरुआत में खबर सामने आई थी कि जाकिर हुसैन को दिल का दौरा पड़ा था, लेकिन अब ऑफिशियल लोग में उन्हें एक गंभीर बीमारी होने की खबर सामने आई है। ऐसा बताया जा रहा है कि जाकिर हुसैन को एक ऐसी बीमारी थी जिसका कोई इलाज ही नहीं था।
गंभीर बीमारी से हुई उस्ताद जाकिर हुसैन की मौत:
प्राप्त जानकारी के अनुसार उस्ताद जाकिर हुसैन को इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की एक गंभीर बीमारी थी। और इसी गंभीर बीमारी के चलते उनका निधन हुआ है। जानकारी के लिए आपको बता दे यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज ही संभव नहीं है।
क्या है इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस बीमारी:
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस पेपर से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में फेफड़ों के टिश्यूज में फाइब्रोसिस यानी घाव के धब्बे सा पड़ने लगता है। जिसके परिणाम स्वरूप फेफड़ों की एलविओलर वॉल मोटी होने लगती है। इससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, और धीरे-धीरे फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता कम हो जाती है। यह एक लाइलाज बीमारी है, जो पूरी तरह से ठीक नहीं होती है। मेडिसिन की मदद से इसे बस कंट्रोल किया जा सकता है।
इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण:
यह बीमारी अधिकतर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को पड़ती है । शुरुआती तौर पर इसमें सूखी खांसी शुरू होती है जो बाद में बढ़ने लगती है। इस बीमारी के होने पर एक्सरसाइज करने में, सीढ़ियां चढ़ने में या कोई भी मेहनत वाला काम करने में सांस फूलने लगता है। शरीर में थकान बनी रहती है और नाखून मोटे होने लगते हैं।
यह बीमारी इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से, वायरल इंफेक्शन होने से या स्मोकिंग की वजह से हो सकती है, इसके साथ ही यह बीमारी जेनेटिक भी होती है। 50 के बाद और 60 से 70 साल की उम्र में इस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कैसे करें इससे बचाव:
इस बीमारी से बचने का एक ही तरीका है कि हेल्दी रूटीन को फॉलो किया जाए। खाने में बैलेंस डाइट ले। स्मोकिंग से दूर रहे, और साथ ही समय-समय पर निमोनिया और फ्लू की वैक्सीन लेते रहे।
तबले की थाप से दिल जीतने वाले Zakir Hussain ने दुनिया को कहा अलविदा, दौड़ी शौक की लहर