Noida News : पुरानी हिन्दी फिल्म का प्रसिद्ध गीत है-“मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती….”। इस गीत में कही गई पंक्तियों को सार्थक कर रहा है नोएडा के बरौला (Baraula) गांव का एक किसान। इस किसान को हीरे की खदान (Diamond Mine) से अब तक चार हीरे मिल चुके हैं। अब यह किसान दूसरों को भी जमीन में से हीरे तलाशने की प्रेरणा दे रहा है।
नोएडा के बरौला गांव के रहने वाले स्व0 मुखिया बुद्धसिंह चौहान के पुत्र राणा प्रताप सिंह चौहान (Rana Pratap Singh Chauhan) ने मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में हीरे की खदान लीज पर ले रखी है। वर्ष-2021 से अब तक राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh Chauhan) को खदान से 3 चमकते हुए हीरे मिल चुके हैं। राणा प्रताप सिंह अब दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा बनते जा रहे हैं। उनका कहना है कि “हीरा हरि के हाथ में है”। यदि किसी को अपनी किस्मत पर पूरा भरोसा है तो उसे हीरे के खदान लीज पर लेकर हीरा तलाशना चाहिए। अनेक लोग हीरे की खदान से मालामाल हो चुके हैं।
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कहां है हीरे की खदान
भारत में मध्य प्रदेश हीरे के प्रमुख केन्द्रों में से एक केन्द्र है। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में फैले हुए विशाल भू-भाग में 4580336 कैरेट हीरे का भंडार बताया जाता है। भारत सरकार की खनन नीति के तहत यहां पर हीरे की खुदाई की जाती है। हीरे की खुदाई करने के लिए जिलाधिकारी एक तय प्रक्रिया के तहत हीरे की खदान को लीज पर देते हैं। खदान से निकलने वाले हीरे को जिलाधिकारी के पास जमा कराया जाता है। जिलाधिकारी की देखरेख में हीरे की नीलामी की जाती है। इस नीलामी से मिलने वाले धन का मात्र 12. 5 प्रतिशत हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराया जाता है। शेष धनराशि खदान के लीज होल्डर यानि उसे मिलती है जिसके नाम से खदान की लीज अथवा पट्टा कराया गया होता है। इस प्रकार एक आसान सी प्रक्रिया के द्वारा कोई भी व्यक्ति हीरा प्राप्त कर सकता है। या यूं कहें कि अपनी किस्मत आजमा कर मालामाल हो सकता है। यहां दिए गए लिंक में आप नोएडा शहर के बीचोंबीच स्थित बरौला गांव के राणा प्रताप की हीरा मिलने वाली पूरी कहानी पढ़ सकते हैं।
हीरा खुदाई की पूरी प्रकिया
आपको संक्षिप्त में हीरा खोजने की पूरी प्रक्रिया भी समझा देते हैं। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के अधिकतर हिस्सों में हीरा मिलने की संभावना बनी रहती है। ज्यादातर खदानों में थोड़ी सी खुदाई करने पर ही हीरा मिलने लगता है। पहले ऊबड़-खाबड़ व पथरीली जमीन को फांवडे से खोदा जाता है। खुदाई में एकत्र हुए छोटे-छोटे पत्थरों को धोया जाता है। यह धुलाई तीन से चार बार की जाती है। खूब अच्छे से धुलाई करके सभी साफ किए गए कंकड़-पत्थरों को एक जगह जमा किया जाता है फिर उन पत्थरों में छांट-छांटकर हीरा खोजा जाता है।
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