Fraud On Facebook: टैक्नोलॉजी की बदौलत आज 1 सेकेंड में पैसे का लेन-देन हो जाता है, लेकिन इस डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन स्कैम भी उतने ही बढ़ रहे हैं। अभी हाल ही में 55 साल की ऑस्ट्रेलियाई महिला ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो गई, और वो भी तब, जब वो फेसबुक मार्केटप्लेस पर जूते की एक जोड़ी बेचने की कोशिश कर रही थी।
फेसबुक मार्केटप्लेस पर कर रही थी जूते बेचने की कोशिश; गवाए 1000 डॉलर
महिला ने फेसबुक मार्केटप्लेस पर जूते की एक जोड़ी बेचने के लिए पोस्ट डाली, जिसकी कीमत उसने $60 रखी थी। जिसके बाद, एक खरीदार ने उसी प्लैटफॉर्म पर उनके साथ संपर्क किया और जूते खरीदने में दिलचस्पी दिखाई। यह व्यक्ति दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के व्हायल्ला में रहने वाला है। उस स्कैमर ने खुद को एक किसान बताया और पेमेंट भी उसी मार्केटप्लेस पर करने पर जोर दिया।
उस महिला को यह सुरक्षित नहीं लगा, क्योंकि ऑनलाइन घोटालों से वो वाकिफ थी, इसलिए उसने PayPal का उपयोग करने का सुझाव दिया। लेकिन खरीदार ने कहा कि उसके पास PayPal खाता भी है, लेकिन इस मार्केटप्लेस पर भुगतान करने से कोई परेशानी नहीं होगी, और प्लैटफॉर्म पर पेमेंट की जानकारी भी रहेगी। उसकी ये बातें सुनकर वो महिला मान गई।
स्कैमर्स की मास्टर माइंड प्लानिंग
इसके बाद, सबसे पहले घोटालेबाज ने महिला को फेसबुक के जरिए एक लिंक भेजा और उस पर क्लिक करने को कहा। महिला को शुरुआत में यह थोड़ा अटपटा सा लगा, लेकिन उसने सोचा कि यह सत्यापन (वेरिफिकेशन) के लिए है और उसने लिंक पर क्लिक किया। इसके बाद वो एक वेबपेज पर पहुंच गई, जहां उसे अपने बैंक का नाम चुनने और अपना एक्सेस कोड देने जैसी कुछ जानकारी भरनी थी। महिला ने ठीक वैसा ही किया, जिसके बाद, उसे अपने बैंक से मैसेज मिला, जिसमें इंटरनेट बैंकिंग के लिए एक नई डिवाइस को रजिस्टर करने की एक्सेस मांगी गई थी। दुर्भाग्य से, अनजाने में उसने परमिशन दे दी, जिससे घोटालेबाज उसके खाते तक पहुंच गए। और मिनटों में 1,000 डॉलर निकाल लिए। कुछ देर बाद, जब महिला ने अपने खाते का बैलेंस देखा, तो 60 डॉलर आने की बजाय 1000 डॉलर उसके खाते से निकाले जा चुके थे। परेशान महिला ने तुरंत अपने बैंक से संपर्क किया, जिसके बाद बैंक ने उनका कार्ड रद्द कर दिया। जिसकी बदौलत, स्कैमर्स बाकी 3,000 डॉलर निकालने में असफल रहे।
बैंक फ्रॉड हो जाए, तो क्या करें?
अगर कभी आपके साथ भी बैंकिंग फ्रॉड हो, तो जल्द से जल्द अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें, और उन्हें इस फ्रॉड की पूरी जानकारी दें। वहां पर आप ट्रांजैक्शन पर डिस्प्यूट यानी चार्जबैक केस दर्ज कर सकते हैं। इसके बाद पुलिस से संपर्क करें, उन्हें अपने बैंक अकाउंट और ट्रांजेक्शन से जुड़ी पूरी जानकारी दें। अगर आपके पास उस फ्रॉड से जुड़ी बातचीत के सक्रीनशॉट हैं, तो वो भी सबूत के तौर बैंक और पुलिस के साथ साझाा करें।
असल में, ऐसे मामलों में कई बार तो पैसे रिकवर हो जाते हैं, लेकिन कई बार नहीं हो पाते। बता दें कि ऑनलाइन स्कैम से जुड़े अधिकांश मामले IT एक्ट 2000 के तहत आते हैं। और दोषियों के खिलाफ धारा 43, 65, 66 और 67 के तहत मुकदमा चलता है। हालांकि IPC की धारा 420, 120बी और 406 के तहत भी केस दर्ज हो सकता है।